कश्मीर से आए काफिला-ए-मोहब्बत की टीम का भव्य स्वागत

  • Post By Admin on Feb 15 2023
कश्मीर से आए काफिला-ए-मोहब्बत की टीम का भव्य स्वागत

मुजफ्फरपुर: बुधवार को जिला के गोला रोड स्थित श्री गांधी पुस्तकालय के सभागार में राष्ट्रीय एकता का पैगाम लेकर 17 सदस्यीय स्कूली छात्र-छात्राओं की एक टीम पहुंची। उत्तर बिहार के अघोषित राजधानी, लीची के लिए पूरे देश में मशहूर मुजफ्फरपुर की क्रांतिकारी धरती पर कश्मीर के "काफिला-ए-मोहब्बत" की टीम का भव्य स्वागत और अभिनंदन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. डॉ. विजय कुमार जयसवाल और मंच संचालन संयुक्त मंत्री मुकेश पासवान ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत में "काफिला-ए-मोहब्बत" टीम के नेतृत्वकर्ता शेख जहूर हुसैन ने बताया कि कश्मीर के 17 स्कूली बच्चे और बच्चियों का यह दल मोहब्बत और राष्ट्रीय एकता का पैगाम लेकर मुजफ्फरपुर पहुंचा है। जिले के विभिन्न स्कूलों में एवं नागरिक समाज के अलग-अलग हिस्सों में संवाद किया गया है। आज गांधी पुस्तकालय में संवाद आयोजित किया गया है। जिसमें कश्मीर के संस्कृति एवं समाज के संबंध में हम अपना नजरिया रख रहे हैं। बिहार की संस्कृति, समाज, खानपान इत्यादि को हम जानने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे टीम के बच्चे और बच्चियां भी बिहार की धरती से बहुत कुछ सीख कर जाएंगे।

कोषाध्यक्ष आलोक कुमार अभिषेक ने स्वागत भाषण करते हुए कहा कि राष्ट्रीय एकता का पैगाम लेकर आए बच्चों का हार्दिक अभिनंदन करते हैं। आज देश में धर्म और जाति के नाम पर जो वैमनस्यता का वातावरण है उसके निराकरण की दिशा में नागरिक स्तर से प्रयास करना देशहित में कल्याणकारी है। सभी यह समझे कि मनुष्य द्वारा श्रेष्ठ आचरण को धारण करना ही धर्म है। इतिहास विभाग के एचओडी संजय सुमन ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान परिवेश में किताबी ज्ञान एवं व्यवहारिक ज्ञान में सामंजस्य नहीं है। हालात यह है कि पढ़ते कुछ है, सीखते कुछ है और आचरण कुछ और है। यही विषमता देश, काल व समाज की चुनौती। है बच्चे देश के भविष्य हैं, यह सर्वविदित है। किंतु बच्चे समाज में ही पलते बढ़ते हैं और उसी से सीखते हैं। प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद ने कहा कि धार्मिक एकता के प्रयास लगातार अपना सत्कर्म समझकर करें। अध्यक्षीय संबोधन में विजय जायसवाल ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि कश्मीर का काफिला-ए-मोहब्बत की टीम हमारे शहर मुजफ्फरपुर में 12 फरवरी से लगातार अपने कार्यक्रमों के माध्यम से वहां की संस्कृति, रहन-सहन आदि पर विस्तृत विस्तृत चर्चा करते हुए राष्ट्रीय एकता और सद्भावना को मजबूत करने का सराहनीय प्रयास कर रही है।

अन्य वक्ताओं में प्रोफेसर डॉक्टर विपिन कुमार, अभय सिंह, अरुण चौधरी, गौतम भारती, प्रोफेसर एमएलए रिजवी व देवीदयाल राणा ने अपना विचार रखा। धन्यवाद ज्ञापन मीडिया प्रभारी रंजीत कुमार साहू ने किया।