झारखंड के कई जिलों में सूखाड़ की हालत, सरकारी मदद कोसों दूर

  • Post By Admin on Jul 31 2023
झारखंड के कई जिलों में सूखाड़ की हालत, सरकारी मदद कोसों दूर

रांची : झारखंड राज्य में इस मौसम के माध्यम से हुई वर्षा की मात्रा से कई जिलों को सूखे की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। धान बुवाई में भी कमी आने से किसानों को चिंता हो रही है। राज्य के कृषि विभाग ने यह देखते हुए पलामू, गढवा, गोड्डा, दुमका और चत्रा जैसे 13 चयनित जिलों में सूखे से निजात के लिए उपाय बनाए हैं।

राज्य के क्षेत्रीय मौसम केंद्र ने आगामी तीन-चार दिनों में झारखंड के कुछ भागों में तेज वर्षा का अनुमान जताया है। वहीं, समूचे राज्य में वर्षा की कमी होने से कृषि सेक्टर पर असर पड़ रहा है। पश्चिम सिंघभूम जिले में कल सबसे अधिक 53 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। कृषि विभाग के अनुसार, राज्य में धान बुवाई की मात्रा भी बारिश की कमी के कारण अभावशीष्ट है। धान बुवाई की बुवाई का अब तक कुल विस्तार दस प्रतिशत से भी कम हो गया है। कृषि विशेषज्ञों ने बताया है कि कम वर्षा के कारण किसानों को चिंता हो रही है। जमीन की समृद्धि को बढ़ाने के लिए बारिश की अधिक आवश्यकता होती है। ऐसे में, कृषि विभाग ने सूखे की स्थिति को देखते हुए पहले से ही पलामू, गढवा, गोड्डा, दुमका और चत्रा सहित 13 जिलों में उचित उपाय बनाए हैं ताकि किसानों को वर्षा के अनुकूल परिस्थितियों में तकनीकी सहायता मिल सके। कृषि विभाग के अधिकारियों ने जिलों में भारी वर्षा की कमी का निरीक्षण करने का भी आदेश दिया है। कृषि उपज और किसानों की आय बढ़ाने के लिए इस मामले में सभी उच्चायुक्त और अधिकारी अपनी-अपनी जिले में कार्यवाही करने को कहा गया है। समूचे राज्य में कम वर्षा के कारण कृषि सेक्टर पर बुरा असर पड़ रहा है। किसानों के लिए वर्षा बारिश की अधिक आवश्यकता होती है ताकि उन्हें अच्छी उपज हो सके। कृषि विभाग ने सूखे की स्थिति के सामने जल्दी से जल्दी कार्यवाही करने के लिए जरूरी उपाय बनाए हैं ताकि इस समय की मुश्किल से किसान सहमत हो सकें।

समाचार रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के कृषि विभाग ने सभी चयनित जिलों में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए उपाय तैयार किए हैं और किसानों को सरकारी सहायता मिलने के बाद ही बेहतर उपज की उम्मीद है। कृषि विभाग और सरकारी अधिकारियों का अभियान चल रहा है जिसके तहत सभी जिलों में वर्षा की कमी का निरीक्षण किया जा रहा है। व समस्याओं के निराकरण की भी राह तलाशी जा रही है ।