झारखंड समेत पूरे देश की आदिवासी संस्कृति, परम्परा, वेशभूषा और खानपान का रांची में होगा अनोखा संगम

  • Post By Admin on Aug 04 2023
झारखंड समेत पूरे देश की आदिवासी संस्कृति, परम्परा, वेशभूषा और खानपान का रांची में होगा अनोखा संगम

रांची :झारखंड में हो रहे आदिवासी महोत्सव - 2023, जो 10 अगस्त को शुरू होकर नौ दिन तक चलेगा, वहां आदिवासी संस्कृति की अनूठी दुनिया का प्रदर्शन करेगा। इस महोत्सव में झारखंड के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश, असम, आंध्रप्रदेश, ओडिशा, और राजस्थान के आदिवासी समुदाय भाग लेंगे, और अपनी परंपराओं और संस्कृतियों को दिखाएंगे।

इस अद्भुत कार्यक्रम में नागपुरी, सराइकेला छऊ, डोमकच, पायका, और कई अन्य नृत्य रंगीनता से दिखाए जाएंगे। यहाँ लोग सिर्फ सांस्कृतिक जीवन में नहीं बल्कि आदिवासी भाषाओं के प्रति समर्पण और उनके युवाओं के लिए उपहार भी देखेंगे, जैसे कि उनकी उद्यमिता, जनजातीय व्यंजनों का प्रचार, कृषि पारिस्थितिकी, और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी।

इस महोत्सव से झारखंड की समृद्ध आदिवासी संस्कृति और धरोहर को एक नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास होगा। यह सब आदिवासी महोत्सव, जो बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान में होगा, वाकई में एक अद्वितीय और रमणीय घटना होने जा रही है। हम सभी इस शुभ अवसर पर आपका स्वागत करते हैं और इस महामहिम घटना का आनंद लें। आपका विनम्र स्वागत है और हम आपके साथ हैं।

महोत्सव की तैयारियों का प्रधान सचिव ने लिया जायजा

कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव श्री राजीव अरुण एक्का ने गुरुवार को बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान में आयोजित होने वाले आदिवासी महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की और मुख्य कार्यक्रम स्थल, प्रदर्शनी, फूड कोर्ट, सेमिनार, पार्किंग, वीआईपी लाउंज, लाइट और साउंड शो, और फिल्म फेस्टिवल के लिए चयनित स्थलों की व्यवस्था की जांच की। इसके साथ ही प्रवेश और निकास की व्यवस्था, और इवेंट मैनेजमेंट टीम को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए।

महोत्सव के प्रसार के लिए गुरुवार को प्रचार वाहन का उद्घाटन किया गया। इस प्रचार वाहन के माध्यम से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को कार्यक्रम की विस्तारपूर्ण जानकारी प्राप्त कराई गई और उनसे महोत्सव में भाग लेने की प्रेरणा दी गई।इस उपक्रम में उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, आदिवासी कल्याण विभाग के अपर सचिव श्री अजय नाथ झा, टीआरआई के निदेशक श्री रणेंद्र कुमार, आईटीडीए के निदेशक श्री सुधीर बाड़ा, जिला कल्याण पदाधिकारी सुश्री संगीता शरण, खूंटी जिले के डीपीआरओ श्री सैयद राशिद अख्तर, रांची जिले के डीपीआरओ डॉक्टर प्रभात शंकर, और इवेंट मैनेजमेंट टीम के सदस्य समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

फिल्मों की प्रदर्शन और रैली की उपयोगिता

महोत्सव में 32 प्रमुख जनजातियों की रंगीन रैली का आयोजन किया जाएगा, जिससे ट्राइबल कल्चर को प्रकट किया जा सकेगा। इसके साथ ही, ट्राइबल फिल्म फेस्टिवल भी आयोजित होगा, जिसमें पहाड़ा, एड्पा काना, डीबी दुर्गा, बरदु, रवाह, सोंधैयानी, अबुआ पायका, द वॉटरफॉल, बैकस्टेज, सम स्टोरीज अराउंड विचेज, लाको बोदरा, छैला, द अगली साइड ऑफ ऑफ ब्यूटी, बंधा खेत, और बठुन्दी जैसी फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। इसके साथ ही, एक उच्च-तकनीकी ड्रोन शो, चमकदार लेजर शो, आतिशबाजी का प्रदर्शन, और ट्राइबल फैशन शो भी आयोजित किए जाएंगे।

इस दो-दिन के महोत्सव में, 32 विभिन्न स्टालों पर आदिवासी समुदायों की अनूठी धारा का प्रस्तुतीकरण होगा, जो उनके विशिष्ट धरोहर को प्रकट करेगा। साथ ही, विभिन्न सरकारी विभागों और योजनाओं के प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों के द्वारा स्थापित स्टाल भी दर्शकों को समर्पित किए जाएंगे।