जीविका द्वारा महिला संवाद कार्यक्रम का आयोजन, गूंजा महिला सशक्तिकरण का स्वर
- Post By Admin on May 25 2025

लखीसराय : गाँव-गाँव में महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में जीविका द्वारा चलाया जा रहा महिला संवाद कार्यक्रम ग्रामीण बिहार में नई ऊर्जा और बदलाव की इबारत लिख रहा है। रविवार, 25 मई 2025 को लखीसराय जिले के विभिन्न प्रखंडों के कई गाँवों में एक साथ यह संवाद आयोजित किया गया, जहाँ सैकड़ों महिलाओं ने चौपाल पर जुटकर अपनी सफलता की कहानियाँ साझा कीं और अन्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।
महिला संवाद कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ते हुए उन्हें न केवल स्वावलंबी बनाना है, बल्कि उन्हें उनके अधिकारों, सरकारी योजनाओं और सामाजिक बदलावों से भी परिचित कराना है। जीविका से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि किस तरह उन्होंने गरीबी और साहूकारों की जकड़न से निकलकर व्यवसाय शुरू किए और अपने सपनों को उड़ान दी।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साइकिल योजना, पोशाक योजना, मेधावृत्ति योजना और बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना जैसी छात्राओं की शिक्षा से जुड़ी सरकारी योजनाओं की सराहना की गई। छात्राओं ने बताया कि इन योजनाओं ने उन्हें उच्च शिक्षा की दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। वहीं महिलाओं ने सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण और पंचायती राज व्यवस्था में 50% आरक्षण को अपनी सामाजिक और राजनीतिक भागीदारी का आधार बताया।
अमहरा (सदर), साबिकपुर (सदर), खुटहा ईस्ट और वेस्ट (बड़हिया), ताजपुर और कसवां (सूर्यगढ़ा), धीरा और मोहद्दीनगर (हलसी), कुंदर और भलुही (चानन), रामचंद्रपुर और सैदपुरा (पिपरिया) सहित विभिन्न गाँवों में आयोजित महिला संवाद में जीविका समूहों की सक्रिय भूमिका रही। उत्कर्ष, विश्वास, सहमति, चंदा, मातृभूमि, माँ गायत्री, विकास, काजल, गंगा, उत्सव, नारी कल्याण एवं सहेली ग्राम संगठनों ने इन आयोजनों को सफल बनाने में सहयोग किया।
महिला संवाद के तहत 5 संवाद रथ भी चलाए जा रहे हैं, जिनके माध्यम से जीविका की उपलब्धियों, महिलाओं की सफलता यात्रा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के विकास से संबंधित वीडियो और जानकारियाँ साझा की जा रही हैं। साथ ही, सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के लिए लीफलेट्स का वितरण भी किया जा रहा है।
अब गाँवों के चौपालों पर सिर्फ बातें नहीं, विकास की योजनाओं की रूपरेखा बन रही है। संवाद कार्यक्रमों ने ग्रामीण महिलाओं में जागरूकता, आत्मविश्वास और नेतृत्व की भावना को पंख दिए हैं। यह पहल गाँव की बुनियादी सुविधाओं, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित हो रही है।