बीपीएसएस की सामाजिक परिचर्चा में संविधान और पिछड़े वर्गों की दशा पर गहन विमर्श
- Post By Admin on Sep 22 2025

मुजफ्फरपुर : भारतीय पिछड़ा शोषित संगठन (BPSS) की मुजफ्फरपुर इकाई द्वारा आम गोला स्थित बृजबिहारी लेन में एक सामाजिक परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय था “भारतीय संविधान: लोकतंत्र और पिछड़ा वर्ग (एससी/एसटी, ओबीसी एवं अल्पसंख्यक समुदाय) की सामाजिक-आर्थिक दशा एवं दिशा”। परिचर्चा का आयोजन बीपीएसएस संयोजक योगेंद्र कुमार रजक के आवास पर किया गया।
परिचर्चा में मुख्य रूप से मान्यवर रामाशंकर राय (अधिवक्ता एवं न्याय मित्र), डॉ. ललन भगत (प्रदेश संयोजक, बीपीएसएस), डॉ. विष्णुदेव यादव (प्रमंडल संयोजक), वर्णिका पत्रिका के प्रगतिशील पत्रकार संतोष सारंग, प्रो. लालबाबू राय, वीरेंद्र यादव, मो. रज़ाउल्लाह, कलाकार सुनील कुमार ठाकुर सहित बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता और महिलाएं-युवाओं ने भाग लिया। चर्चा में यह निष्कर्ष सामने आया कि देश में शासक वर्गों द्वारा भारतीय संविधान को कमजोर करने और लोकतांत्रिक ढांचे को ध्वस्त करने की कोशिशें तेज हो गई हैं। हिंदुत्व के नाम पर ब्राह्मणवादी शक्तियां वर्चस्व कायम कर चुकी हैं, जिससे धर्मनिरपेक्षता और वैज्ञानिक चिंतन पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, शेख फातिमा, डॉ. भीमराव अंबेडकर और पेरियार ई.वी. रामासामी जैसे महापुरुषों की विचारधारा ही सामाजिक न्याय और समानता की आधारशिला है। आज इन विचारों को ही मिटाने की साजिश हो रही है। इसलिए समाज के सभी वर्गों, खासकर छात्र-नौजवानों और महिलाओं को लोकतंत्र व संविधान की रक्षा के लिए आगे आना होगा। कार्यक्रम में जातीय जनगणना की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार इससे भाग रही है, जबकि यह सामाजिक न्याय और समानुपातिक अधिकारों के लिए जरूरी है।
अंत में पत्रकार संतोष सारंग ने कहा कि हिंदुत्व के नाम पर फैलाए जा रहे भ्रामक नैरेटिव का पर्दाफाश करना होगा और समाज को कर्मकांड एवं अंधविश्वास से दूर ले जाना होगा। अच्छे और ईमानदार लोगों को राजनीति में आगे लाने की अपील की गई। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसे बीपीएसएस संयोजक योगेंद्र रजक ने प्रस्तुत किया।