बिहार में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका का बढ़ेगा मानदेय, सीएम नीतीश ने किया ऐलान
- Post By Admin on Sep 08 2025

पटना : बिहार सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के मानदेय में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। यह घोषणा विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में बाल विकास और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि अब आंगनबाड़ी सेविकाओं का मानदेय 7,000 रुपए से बढ़ाकर 9,000 रुपए किया जाएगा, जबकि आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 4,000 रुपए से बढ़ाकर 4,500 रुपए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस बात की जानकारी खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा की। उन्होंने लिखा, "राज्य में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण और जीवन स्तर में सुधार करने में आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके इस योगदान को मान्यता देने और उनकी मेहनत का सम्मान करने के लिए उनके मानदेय में वृद्धि की गई है। विभाग को आदेश दिया गया है कि वे जल्द से जल्द इस बढ़ोतरी को लागू करें।"
सीएम ने आगे कहा कि नवंबर 2005 से राज्य सरकार ने समेकित बाल विकास परियोजना के तहत गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण में सुधार के लिए व्यापक काम किया है। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से छह प्रमुख सेवाएं प्रदान की जा रही हैं, जिनमें पोषण, स्वास्थ्य जाँच, शिक्षा, बाल संरक्षण, सामाजिक सुरक्षा और महिलाओं का सशक्तिकरण शामिल है। इन सेवाओं को प्रभावी बनाने में आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बताया कि इस बढ़ोतरी से सेविकाओं और सहायिकाओं का मनोबल बढ़ेगा, जिससे वे और अधिक उत्साहपूर्वक कार्य करेंगी। साथ ही इससे समेकित बाल विकास सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बच्चों और महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य और पोषण लाभ मिल सकेगा।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए 80 नई पिंक बसों का लोकार्पण किया और राज्यभर की 1,065 बसों में ई-टिकटिंग सुविधा शुरू की। उन्होंने कहा कि पिंक बसों में केवल महिलाएं ही यात्रा कर सकती हैं, जिससे उन्हें सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा। ई-टिकटिंग प्रणाली से यात्रियों को समय की बचत होगी और राज्य के विभिन्न हिस्सों में सुगमता से आवागमन संभव होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं का सशक्तिकरण बच्चों और महिलाओं के कल्याण में सीधे तौर पर योगदान करता है। यह कदम न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार करेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विकास और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को भी मजबूत बनाएगा। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि नए मानदेय के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन और कर्मचारियों की संख्या में सुधार के लिए अतिरिक्त संसाधन भी उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि सेवाओं की गुणवत्ता और गति में वृद्धि हो सके।