ऑटो टोटो चालकों के समर्थन में भाकपा माले का प्रदर्शन, जिलाधिकारी को घेरा

  • Post By Admin on Jan 20 2025
ऑटो टोटो चालकों के समर्थन में भाकपा माले का प्रदर्शन, जिलाधिकारी को घेरा

मुजफ्फरपुर : भाकपा-माले ने आज अपने पार्टी कार्यालय हरिसभा चौक से एक मार्च निकाला, जो विभिन्न प्रमुख मार्गों से होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा और वहां एक बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया। इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं और ऑटो-टोटो चालकों ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के तुगलकी फरमान के खिलाफ विरोध दर्ज किया और जिलाधिकारी से तत्काल कार्यवाही की मांग की।

ऑटो-टोटो चालकों की बेरोजगारी पर विरोध

भाकपा-माले के नगर सचिव सूरज कुमार सिंह ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार सरकार का यह फैसला हजारों ऑटो-टोटो चालकों के लिए एक बड़ा संकट उत्पन्न कर देगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल चालकों के लिए बल्कि स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों के लिए भी परेशानी का कारण बनेगा, क्योंकि स्कूल बसों के अभाव में बच्चों का विद्यालय पहुंचना मुश्किल हो जाएगा। सूरज कुमार ने आगे कहा कि पहले ही कोरोना महामारी और नोटबंदी के बाद लोग आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और अब इस फैसले के बाद ऑटो-टोटो चालकों को बेरोजगार कर दिया जाएगा।

स्कूलों में बच्चों की समस्या

इंसाफ मंच के जिला सचिव और माले जिला कमिटी सदस्य फहद जमा ने कहा कि यह कदम बिहार के हजारों ऑटो-टोटो चालकों को बेरोजगारी के रास्ते पर धकेलने का है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बिना किसी ठोस कारण के यह निर्णय लिया है। जिससे शहर में शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। फहद जमा ने यह भी कहा कि आज शहर के अधिकांश स्कूलों में बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिससे अभिभावकों को अतिरिक्त समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

नीतीश सरकार पर हमला

माले के नगर कमिटी सदस्य शाहनवाज हुसैन उर्फ नौशाद ने कहा कि नीतीश सरकार लगातार गरीबों और मजदूरों के रोजगार पर हमला कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि हर विकास योजना के नाम पर गरीबों को परेशान किया जा रहा है और उन्हें अपने बुनियादी रोजगार से वंचित किया जा रहा है। शाहनवाज ने कहा कि राज्य सरकार को इस फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए, खासकर तब जब शहर में स्कूल बसों की कमी है और ऑटो-टोटो ही एकमात्र विकल्प हैं।

जिलाधिकारी से मुलाकात और मांग पत्र सौंपना

घेराव के बाद सूरज कुमार सिंह, फहद जमा, शाहनवाज हुसैन उर्फ नौशाद और अन्य नेताओं ने जिलाधिकारी से मुलाकात की और एक मांग पत्र सौंपा। जिसमें इस तुगलकी फरमान को अविलंब वापस लेने की मांग की गई। जिलाधिकारी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह इस मामले में शीघ्र कार्यवाही करेंगे।

चक्का जाम की धमकी

भाकपा-माले के नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार इस फैसले को जल्द वापस नहीं लेती, तो वे 1 फरवरी से चक्का जाम का आह्वान करेंगे और राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी पूरे राज्य में ऑटो-टोटो चालकों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई जारी रखेगी।

प्रदर्शन में शामिल लोग

इस प्रदर्शन में भाकपा-माले के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। जिनमें मोहम्मद कादिर, गणेश कुमार, पटेल जी, धर्मेंद्र महतो, सत्यकाम सिंह, ज़लील अंसारी, रजनीश कुमार झा, अमर पटेल, दिनेश पासवान, अभिमन्यु कुमार, राधेश्याम और रमेश मंडल प्रमुख थे।