परमाणु तकनीक से महाकुंभ में हो रही सफाई

  • Post By Admin on Feb 17 2025
परमाणु तकनीक से महाकुंभ में हो रही सफाई

प्रयागराज : महाकुंभ का आयोजन हर बार भारी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता हैं और इस बार भी 50 करोड़ से अधिक लोग संगम में स्नान कर चुके हैं। यह आंकड़ा अमेरिका और रूस की संयुक्त आबादी से भी ज्यादा है, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि इस विशाल भीड़ के बावजूद अब तक महाकुंभ में कोई भी महामारी या स्वच्छता से जुड़ी समस्या नहीं आई है। इसका श्रेय परमाणु तकनीक को जाता है, जिसका उपयोग सीवेज उपचार संयंत्रों के लिए किया गया है।

केंद्रीय विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस उपलब्धि का उल्लेख करते हुए कहा, “50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं और फिर भी स्वच्छता संबंधित कोई समस्या या महामारी का कोई संकेत नहीं है।” उन्होंने इस सफलता के पीछे परमाणु प्रौद्योगिकी के योगदान को सराहा।

परमाणु तकनीक का योगदान

महाकुंभ में स्वच्छता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सीवेज उपचार संयंत्रों को मुंबई स्थित भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र और कलपक्कम स्थित इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र ने स्थापित किया है। यह दोनों संस्थान परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत आते हैं और इन्हीं के द्वारा विकसित हाइब्रिड ग्रैन्युलर सीक्वेंसिंग बैच रिएक्टर (hgSBR) तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस तकनीक में सूक्ष्मजीवों के माध्यम से गंदे पानी को साफ किया जाता है, जिसे फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट भी कहा जाता है।

महाकुंभ स्थल पर यह तकनीक प्रति दिन लगभग 1.5 लाख लीटर सीवेज का उपचार करने में सक्षम है। खास बात यह है कि इस प्रणाली में कम बुनियादी ढांचे और कम लागत पर अधिक प्रभावी परिणाम प्राप्त होते हैं। इसके अलावा, परिचालन लागत में 30-60 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है।

स्वच्छता की ओर बढ़ते कदम

महाकुंभ के आयोजन स्थल पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मेला स्थल पर 1.5 लाख शौचालय बनाए गए हैं, ताकि खुले में शौच करने से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके। इसके साथ ही, 11 स्थायी और तीन अस्थायी सीवेज उपचार संयंत्र भी लगाए गए हैं।

साथ ही, 200 से अधिक मशीनों के माध्यम से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जा रही है। इन उपायों के कारण, हैजा और दस्त जैसी बीमारियों की घटनाओं पर काबू पाया गया है, जो पहले महाकुंभ में बड़ी समस्या बन जाती थीं।