लखनऊ में बड़ा घोटाला: एलडीए के फर्जी दस्तावेजों से प्लॉट बेचने का भंडाफोड़

  • Post By Admin on Mar 28 2025
लखनऊ में बड़ा घोटाला: एलडीए के फर्जी दस्तावेजों से प्लॉट बेचने का भंडाफोड़

लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के प्लॉटों को फर्जी दस्तावेजों के जरिए बेचने के बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि इन आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से खाली पड़े प्लॉटों के नकली दस्तावेज तैयार कर भोले-भाले लोगों को बेच दिया। इस घोटाले में एलडीए के कुछ अधिकारियों की संलिप्तता की भी आशंका जताई जा रही है, जिसकी जांच की जा रही है।

एसटीएफ की जांच में यह सामने आया कि इस गिरोह ने लखनऊ विकास प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं के तहत आवंटित प्लॉटों को निशाना बनाया। आरोपियों ने एलडीए के रिकॉर्ड से उन प्लॉटों की जानकारी जुटाई, जो अब तक बेचे नहीं गए थे या जिनके मालिक सक्रिय रूप से उन पर दावा नहीं कर रहे थे। इसके बाद इन प्लॉटों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर नए मालिकों के नाम से उनकी रजिस्ट्री कर दी गई। खरीदारों को असली दस्तावेजों का झांसा देकर उनसे मोटी रकम वसूली गई। इस गिरोह ने लखनऊ के गोसाईंगंज, जानकीपुरम विस्तार, गोमती नगर और सरोजिनी नगर जैसे इलाकों में अपना नेटवर्क फैलाया था। इन क्षेत्रों में एलडीए की योजनाओं के तहत कई प्लॉट खाली पड़े थे, जिन्हें इन आरोपियों ने अपने निशाने पर लिया।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में विपिन कुमार गुप्ता, रमेश चंद्र सिंह, लफ्फू सिंह, मुकेश मौर्य, रघुलाल सिंह और धनंजय सिंह शामिल हैं। सभी को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को इनके पास से 23 फर्जी रजिस्ट्री के दस्तावेज, दो बैंक पासबुक, छह चेक बुक, चार पेन ड्राइव, नौ मोबाइल फोन, 12,710 रुपये नकद और दो कारें बरामद हुई हैं।

लखनऊ विकास प्राधिकरण में घोटाले का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी जानकीपुरम विस्तार, राधाग्राम योजना और गोमती नगर विस्तार में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्लॉट बेचे जाने के मामले सामने आ चुके हैं। वर्ष 2023 में एलडीए के कुछ अधिकारियों पर अवैध प्लॉटिंग कराने और फर्जी नामों से प्लॉट आवंटित करने का आरोप लगा था। यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और कई लोगों को ठग चुका था।

एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ जारी है और उनके अन्य संपर्कों की भी जांच की जा रही है। एलडीए के कुछ अधिकारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है और जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच जारी है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और कहा है कि प्लॉट खरीदने से पहले उसके दस्तावेजों का सत्यापन एलडीए से जरूर कराएं।

इस घोटाले के बाद एलडीए ने अब ऑनलाइन रजिस्ट्री और डिजिटल वेरिफिकेशन को अनिवार्य करने का फैसला किया है, ताकि इस तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके। यह मामला उन लोगों के लिए एक सबक है, जो सस्ते प्लॉट के लालच में बिना जांच-पड़ताल किए खरीदारी कर लेते हैं। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे और दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी कार्यवाही होगी।