उत्तर प्रदेश तकनीकी शिक्षा को नई दिशा : स्वदेश कुमार सिंह पुनः बने शैक्षिक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष
- Post By Admin on Jul 16 2025

लखनऊ : राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के तकनीकी संवर्ग की प्रदेश कार्यकारिणी का निर्वाचन मंगलवार को संघ कार्यालय, लखनऊ में शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। निर्वाचन में स्वदेश कुमार सिंह को पुनः प्रदेश अध्यक्ष और प्रो. सुनील मिश्रा को प्रदेश महामंत्री चुना गया। संघ के सभी 52 पदों के लिए निर्विरोध निर्वाचन हुआ, जिसे निर्वाचन अधिकारी दिलीप सरदेसाई ने घोषित किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख स्वान्त रंजन जी का मार्गदर्शन प्राप्त होने से आयोजन की गरिमा और बढ़ गई। कार्यक्रम में कई शिक्षाविदों, संगठन पदाधिकारियों और तकनीकी शिक्षकों की सहभागिता रही।
प्रदेश अध्यक्ष पद पर पुनः निर्वाचित होने के बाद स्वदेश कुमार सिंह—जो ग्रेटर नोएडा स्थित GIMS संस्थान के CEO और गुरु एजुकेशनल स्किल फाउंडेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं—ने संगठन के शीर्ष नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क में 60 से अधिक तकनीकी कॉलेजों के लिए एकीकृत प्रशिक्षण, स्टार्टअप और रिसर्च केंद्र स्थापित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसका उद्देश्य आईआईटी स्तर के प्लेसमेंट और स्किल डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म तैयार करना है।
महामंत्री प्रो. सुनील मिश्रा ने भी अपने संबोधन में संगठन के विस्तार और तकनीकी शिक्षा के समावेशी विकास पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही आईआईटी कानपुर, MNNIT प्रयागराज, IIIT प्रयागराज, AKTU लखनऊ तथा सभी राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में पदाधिकारी नियुक्त कर सरकारी व निजी तकनीकी शिक्षकों के बीच समन्वय को मज़बूत किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार से विश्वविद्यालय सेवा नियमावली लागू करवाने और ग्रेटर नोएडा में स्टार्ट-अप इनोवेशन सेंटर स्थापित करने की दिशा में गंभीर प्रयास होंगे। उनका मानना है कि इससे न केवल शिक्षकों और छात्रों को लाभ मिलेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहचान भी प्राप्त होगी।
बैठक में नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए व्याख्यानमाला आयोजित करने की योजना भी बनाई गई। आयोजन में बड़ी संख्या में सदस्यों की भागीदारी रही और नवनिर्वाचित टीम को बधाइयों का तांता लगा रहा।
यह निर्वाचन न केवल संगठन के भीतर लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उदाहरण बना, बल्कि तकनीकी शिक्षा को मजबूती देने की दिशा में आगामी कार्यों की रूपरेखा भी तय कर गया।