अशोक धाम में गूंजेंगे भजन, डॉक्टर दंपत्ति को श्रद्धांजलि
- Post By Admin on Jan 31 2025

लखीसराय: इन दिनों मुख्यमंत्री के संभावित आगमन को लेकर लखीसराय स्थित अशोक धाम चर्चाओं में बना हुआ है। इसी बीच, जिले के प्रसिद्ध चिकित्सक दंपत्ति दिवंगत डॉ. श्याम सुंदर प्रसाद सिंह और उनकी पत्नी डॉ. राज किशोरी प्रसाद सिन्हा की प्रथम पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए भजन संध्या एवं संस्मरण परिचर्चा का आयोजन किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर परिसर में आयोजित होगा। वहां भजन संध्या के माध्यम से दिवंगत आत्माओं की स्मृति को नमन किया जाएगा और उनके योगदान पर चर्चा की जाएगी।
अशोक धाम स्थित श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर को अपनी शिखर ऊंचाइयों तक पहुंचाने में इस चिकित्सक दंपत्ति का योगदान अविस्मरणीय है। लखीसराय जिला मुख्यालय के नया बाजार पंजाबी मोहल्ला न्यू कॉलोनी में स्थित अपने निजी क्लिनिक के माध्यम से वे चार दशकों तक चिकित्सा सेवा में समर्पित रहे।
विशेष रूप से, डॉ. राज किशोरी प्रसाद सिन्हा को एक कुशल स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में पूरे क्षेत्र में ख्याति प्राप्त थी। उन्होंने लखीसराय, जमुई, मुंगेर, शेखपुरा, नवादा और बेगूसराय के हजारों मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज कर अपनी अमिट छाप छोड़ी।
डॉ. श्याम सुंदर प्रसाद सिंह न केवल एक सफल चिकित्सक थे, बल्कि श्री इंद्रदमनेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के सचिव के रूप में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रयासों से अशोक धाम को एक आध्यात्मिक और धार्मिक स्थल के रूप में पहचान मिली।
चिकित्सक दंपत्ति के सुपुत्र डॉ. कुमार अमित ने बताया कि शनिवार की संध्या को अशोक धाम मंदिर परिसर में भजन संध्या सह संस्मरण परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान परिवार, मित्र और शुभचिंतक एकत्रित होकर दिवंगत दंपत्ति को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
1 फरवरी को बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान डॉ. श्याम सुंदर प्रसाद सिंह का निधन हो गया था। उनके जाने का वियोग उनकी पत्नी डॉ. राज किशोरी प्रसाद सिन्हा सहन नहीं कर सकीं और महज पांच दिनों के भीतर उन्होंने भी दुनिया को अलविदा कह दिया।
पटना के मेदांता अस्पताल में ब्रेन हेमरेज के इलाज के दौरान उनका निधन हुआ। उनके जाने से चिकित्सा जगत और समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।
चार दशकों से अधिक समय तक चिकित्सा सेवा में समर्पित रहने वाले इस दंपत्ति ने न केवल मरीजों को स्वस्थ किया, बल्कि समाज सेवा और धार्मिक गतिविधियों में भी अपना बहुमूल्य योगदान दिया।
उनकी पुण्यतिथि पर आयोजित भजन संध्या और संस्मरण परिचर्चा उनके योगदान को यादगार बनाए रखने का एक प्रयास है। श्रद्धालु इस अवसर पर एकत्रित होकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।