धर्म की आड़ में पैसे वसूलने वाले कथावाचक और मौलवी से रहें सावधान : शहाबुद्दीन रजवी
- Post By Admin on Jul 01 2025

बरेली : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा कथावाचकों पर की गई टिप्पणी को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मंगलवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जो कथावाचक और मौलवी धर्म की आड़ में पैसा वसूलते हैं, समाज को ऐसे लोगों से दूरी बनानी चाहिए।
रजवी ने कहा कि अखिलेश यादव ने कथावाचकों को लेकर जो बयान दिया है, वह सच्चाई पर आधारित है। हालांकि वे सामान्यतः अखिलेश यादव का समर्थन नहीं करते, लेकिन इस मामले में उन्होंने सही कहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि चाहे हिंदू कथावाचक हों, मुस्लिम जलसों में भाषण देने वाले मौलवी हों या मंचों पर शायरी करने वाले शायर, तीनों वर्ग के लोग अब पेशेवर हो चुके हैं और बिना मोटी रकम लिए किसी धार्मिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल नहीं होते।
मौलाना ने कहा कि इन लोगों ने धर्म को केवल एक लेबल बना दिया है और उसे व्यापार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका दावा है कि 95 प्रतिशत कथावाचक और मौलवी धर्म की आड़ में पैसा कमाने का काम कर रहे हैं। वे अपने लिए सुरक्षा गार्ड रखते हैं, फीस तय करते हैं और फिर ही किसी कार्यक्रम में जाते हैं। यह सब कुछ पूरी तरह से एक व्यवस्थित पेशे की तरह चल रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि इन पेशेवरों की आड़ में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो सच्चे धार्मिक भाव से कार्य करते हैं और बिना कोई शुल्क लिए समाज में ज्ञान और सद्भाव का संदेश फैलाते हैं। ऐसे 5 प्रतिशत लोगों को पहचानकर उन्हें मंच देने की जरूरत है, ताकि धर्म के नाम पर चल रहा दिखावा और व्यवसाय खत्म हो सके।
मौलाना रजवी ने समाज से अपील की कि ऐसे लोगों को बुलाया जाए जो वास्तव में धर्म और समाज की सेवा करना चाहते हैं, न कि उसका उपयोग अपनी कमाई के साधन के रूप में करते हैं। उन्होंने यह भी चेताया कि धर्म के नाम पर दुनियादारी करने वालों से समाज को बचना होगा क्योंकि इनके खोखले दावे समाज को गुमराह कर रहे हैं।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने इटावा में एक कार्यक्रम के दौरान कथावाचकों की फीस को लेकर कहा था कि कई कथावाचक 50 लाख रुपये तक की रकम लेते हैं। उन्होंने विशेष रूप से धीरेंद्र शास्त्री का नाम लेते हुए कहा कि आम आदमी उनकी कथा अफॉर्ड नहीं कर सकता। इसी संदर्भ में मौलाना रजवी का यह बयान सामने आया है, जिसे अब राजनीतिक और धार्मिक हलकों में गंभीरता से लिया जा रहा है।