पुरखा पुरनिया संवाद कार्यक्रम में सम्मानित हुए कलाकार और समाजसेवी
- Post By Admin on Feb 05 2025

मुजफ्फरपुर : सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान की ओर से मंगलवार को ‘पुरखा पुरनिया संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें रंगमंच के भीष्मपितामह यादव चंद्र पांडेय को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के संयोजक सुनील सरला ने की।
अध्यक्षीय संबोधन में सुनील सरला ने कहा कि यादव चंद्र पांडेय सिर्फ रंगमंच के पुरोधा ही नहीं, बल्कि साहित्य, संगीत और कला के संवाहक भी थे। उन्होंने संगठन के माध्यम से गीत-संगीत, नाटक, काव्य-कला सहित भाषा व साहित्य के क्षेत्र में नई पीढ़ी को प्रशिक्षित करने का कार्य किया। वे न केवल स्थानीय रचनाकारों और राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साहित्यकारों को जोड़ने का कार्य करते थे, बल्कि समय-समय पर विभिन्न कलाओं में विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण भी दिलवाते थे। समाज के हर वर्ग, विशेषकर वंचित समुदाय को आगे बढ़ाने और सभी भाषाओं को सम्मान दिलाने की प्रेरणा देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनकी स्मृति में हर वर्ष 15 फरवरी को ‘यादों के जश्न’ के रूप में भव्य रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
इस अवसर पर युवा कवयित्री मुस्कान केशरी को ‘जननायिका सरला श्रीवास सम्मान’ से नवाजा गया। उन्हें सम्मानस्वरूप पुस्तक व अंगवस्त्र प्रदान किया गया। वहीं, ‘जननायिका सरला श्रीवास की जीवन यात्रा’ पुस्तक के लेखक संतोष कुमार सिद्धार्थ को ‘रंगमंच के भीष्म पितामह यादव चंद्र पांडेय सम्मान’ से सम्मानित किया गया। उन्हें प्रेमचंद रंगमंच पर यादव चंद्र पांडेय द्वारा किए गए नाट्य रूपांतरण की पुस्तक एवं अंगवस्त्र भेंट किया गया।
कार्यक्रम में जीवन बीमा के विकास पदाधिकारी रविरंजन कुमार, प्रिंक सॉक्स के प्रभात कुमार ठाकुर, युवा कवयित्री मुस्कान केशरी, कठपुतली कलाकार सुनील सरला, संरक्षक कांता देवी, विजय मिश्र, चाइल्डसेफ के सचिव जयचंद्र कुमार, सरला श्रीवास युवा मंडल की अध्यक्ष सुमन कुमारी, सचिव अदिति ठाकुर, कठपुतली कला केंद्र की सचिव प्रीति कुमारी, परफेक्ट सॉल्यूशन सोसाइटी के सचिव अनिल कुमार ठाकुर, अमन चिल्ड्रेन स्कूल की प्राचार्य बबीता ठाकुर, लोक गायिका अनीता कुमारी, अजीत कुमार, अशोक कुमार, हेमंत कुमार एवं मनीषा केशरी** समेत कई गणमान्य उपस्थित थे।
कार्यक्रम के अंत में आयोजकों द्वारा घोषणा की गई कि यादव चंद्र पांडेय की स्मृति में आगामी 15 फरवरी को विशेष आयोजन किया जाएगा, जिसमें साहित्य, कला और रंगमंच से जुड़े कई बड़े कलाकारों और रचनाकारों की भागीदारी रहेगी।