छात्रा के साथ कमरे में पकड़े गए शिक्षक, ग्रामीणों ने जमकर की धुनाई
- Post By Admin on Jan 15 2025

लखीसराय : जिले में गुरू-शिष्य के पवित्र रिश्ते को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं, जब बीते सोमवार, 13 जनवरी को माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला सचिव और लोढ़ीया हाई स्कूल के शिक्षक संजीव सिंह को अपनी एक छात्रा के साथ टाउन थाना क्षेत्र के चितरंजन रोड स्थित एक किराए के मकान में पकड़ा गया। इस घटना ने न केवल शिक्षा विभाग को शर्मसार किया, बल्कि इलाके में विवाद और गुस्से का माहौल पैदा कर दिया है।
शिक्षक की गिरफ्तारी
13 जनवरी को पुलिस को सूचना मिली कि संजीव सिंह अपनी एक छात्रा के साथ संदिग्ध हालात में एक किराए के मकान में मौजूद हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें हिरासत में लिया और स्थानीय थाने ले गई। इस गिरफ्तारी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिससे पूरे जिले में यह मामला सुर्खियों में आ गया। गिरफ्तारी के बाद थाने में छात्रा और मकान मालिक से भी पूछताछ की गई। हालांकि, छात्रा और मकान मालिक ने शिक्षक संजीव सिंह पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए उनके खिलाफ किसी भी गलत काम का दावा नहीं किया।
ग्रामीणों का गुस्सा और स्कूल में हंगामा
15 जनवरी को जब संजीव सिंह अपने विद्यालय लोढ़ीया हाई स्कूल पहुंचे, तो उन्हें देखते ही ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीणों ने संजीव सिंह से स्कूल छोड़कर दूसरे स्थान पर जाने के लिए कहा लेकिन उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए इसका विरोध किया। इसके बाद, ग्रामीणों ने उनसे आवेदन लिखवाया और उनपर हमला कर दिया। इस स्थिति में स्थानीय कुछ लोगों ने संजीव सिंह को स्कूल के एक कमरे में बंद कर दिया और अंततः पुलिस को बुलाया। जिसके बाद पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई।
भ्रष्टाचार और व्यवसायिक गतिविधियों के आरोप
संजीव सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अपनी शिक्षक की स्थिति का गलत फायदा उठाकर शिक्षा क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियों और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने शिक्षा विभाग में अपनी ताकत का गलत उपयोग किया और इससे उनके खिलाफ गुस्सा बढ़ गया। संजीव सिंह की गिरफ्तारी और विवाद ने यह स्पष्ट कर दिया कि शिक्षा व्यवस्था में कई जगह पर भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता व्याप्त है, जो अब सार्वजनिक तौर पर सामने आ रही है।
संजीव सिंह का बचाव और सार्वजनिक प्रतिक्रिया
संजीव सिंह ने अपनी निर्दोषता का दावा करते हुए कहा कि वे किसी भी गलत काम में शामिल नहीं हैं और उन पर लगे आरोप पूरी तरह से गलत हैं। हालांकि, उनके बचाव के बावजूद, स्थानीय ग्रामीणों और समाज में उनकी साख को लेकर गहरी शंका पैदा हो गई है।
आगे की जांच और कार्यवाही की मांग
इस पूरे घटनाक्रम के बाद लखीसराय के स्थानीय लोग शिक्षा विभाग से कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कड़ी सजा दी जाएगी। इसके साथ ही, यह घटना शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता के खिलाफ आवाज उठाने का एक संकेत बन गई है। जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकते हैं। साथ ही, इस मामले ने शिक्षक के पेशे को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और अब देखना होगा कि लखीसराय प्रशासन और शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।