केसरिया महोत्सव के मंच पर खूब जमी शायरी की महफिल
- Post By Admin on Feb 22 2025

पूर्वी चंपारण : केसरिया महोत्सव के तीसरे दिन की संध्या का मंच मुशायरा को समर्पित रहा। महोत्सव के मंच पर मौजूद शायरों ने एक से बढ़ कर एक गज़ल, शायरी और नातिया कलाम पढ़ कर माहौल को खुशनुमा कर दिया। चंपारण के वरीय पत्रकार व प्रसिद्ध शायर ओजैर अंजुम के सदारत में आयोजित मुशायरे का संचालन करते हुए बिहार के मशहूर युवा शायर गुलरेज शहजाद ने अपना शेर पढ़ा.... जो आदत है ज़माने की वो आदत हो नहीं पाई, दिखावे की कभी मुझसे इबादत हो नहीं पाई। मंच पर मौजूद शायर ताहिरुद्दीन ताहिर ने अपना कलाम......कोई हथियार न बारुद और न बम रखते हैं, हम तो शायर हैं हाथों में कलम रखते हैं। इस पर लोगों ने खूब वाहवाही की। नामचीन शायर डॉ. शब्बा अख्तर की प्रस्तुति ..…मोहब्बत भी जरुरी है, इबादत भी जरुरी है। इस पर लोगों ने खूब तालियां बजाई। डॉ शबा की गज़ल .....सुना है दिल्लगी के वास्ते शादी जरुरी है को भी लोगों का भरपूर प्यार मिला। महिला शायर तहरीम फातमा की गज़ल..... तुम्हारे बिना वक्त ठहरा हुआ है,गुजरता नहीं है गुज़र कर रही हूं। इसे भी लोगों ने बड़े चाव से सुना। घंटों चले मुशायरे के दौरान दर्शक बीच-बीच में ताली बजाकर शायरों का उत्साहवर्द्धन करते रहे।