14 साल के यासिर ने किया कमाल, 30 साल बाद जम्मू-कश्मीर को दिलाया मुक्केबाजी में स्वर्ण

  • Post By Admin on Aug 28 2025
14 साल के यासिर ने किया कमाल, 30 साल बाद जम्मू-कश्मीर को दिलाया मुक्केबाजी में स्वर्ण

राजौरी : जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के 14 वर्षीय मुक्केबाज मोहम्मद यासिर ने खेलो इंडिया पहल के जरिए इतिहास रच दिया है। अंडर-14 सब-जूनियर नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने न केवल जम्मू-कश्मीर का मान बढ़ाया, बल्कि 30 साल बाद राज्य को इस वर्ग में गोल्ड दिलाकर एक नया अध्याय भी लिखा।

नोएडा में 6 से 13 अगस्त तक हुई चैंपियनशिप में यासिर ने 52-55 किलोग्राम वर्ग में पांचों मुकाबले लगातार जीतकर अपनी श्रेष्ठता साबित की। फाइनल में उन्होंने मणिपुर के नेल्सन ख्वैराकपम को मात देकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह जीत राजौरी को राष्ट्रीय मुक्केबाजी मानचित्र पर स्थापित करने वाली साबित हुई।

यासिर की जीत उनके कोच इश्तियाक मलिक की मेहनत और राजौरी के खेलो इंडिया बॉक्सिंग सेंटर की आधुनिक सुविधाओं का परिणाम बताई जा रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने स्वयं बारिश के बीच उनके घर पहुंचकर उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने कहा, “मोहम्मद यासिर राजौरी ही नहीं, पूरे जम्मू-कश्मीर का गौरव है। यकीनन वह एशियाई खेलों और ओलंपिक में भी भारत का नाम रोशन करेगा।”

यासिर की सफलता संघर्ष से भरी कहानी है। छह साल पहले पिता को खो चुके यासिर की मां नसीम अख्तर घरेलू सहायिका का काम करके परिवार का पालन करती हैं। आर्थिक तंगी से जूझते हुए भी यासिर ने हार नहीं मानी। अपनी पढ़ाई और ट्रेनिंग के खर्च निकालने के लिए वह एमबीबीएस छात्रों के लिए खाना बनाकर पैसे जुटाते रहे।

यासिर ने कहा, “मैं सुबह-शाम अभ्यास करता और दिन में स्कूल जाता था। यह जीत मेरे कोच और ‘खेलो इंडिया’ की देन है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने हमें यह मंच दिया। मेरा सपना है कि एशियाई चैंपियनशिप और ओलंपिक में भारत को स्वर्ण दिलाऊं।”

उनकी मां नसीम अख्तर भावुक होकर बोलीं, “रविंदर रैना जी बारिश में भी हमारे घर आए, यह मेरे बेटे के लिए गर्व का क्षण है। लेकिन हमारी आर्थिक स्थिति अभी भी कमजोर है। हमें उम्मीद है कि सरकार मदद करेगी।”

कोच इश्तियाक मलिक ने कहा, “यह राजौरी और जम्मू-कश्मीर दोनों के लिए मील का पत्थर है। खेलो इंडिया ने हमें मौका दिया कि हम नई प्रतिभाओं को तराश सकें। यासिर ने जो मेहनत की, यह पदक उसी का नतीजा है। आने वाले समय में ऐसे ही और खिलाड़ी राज्य से निकलेंगे।”