नागपुर का छोटा जगन्नाथ मंदिर, जहां महादेव संग विराजमान हैं प्रभु जगन्नाथ

  • Post By Admin on Dec 22 2025
नागपुर का छोटा जगन्नाथ मंदिर, जहां महादेव संग विराजमान हैं प्रभु जगन्नाथ

नागपुर : ओडिशा के पुरी स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर महाराष्ट्र के नागपुर में भी एक प्राचीन और आस्था से जुड़ा छोटा श्री जगन्नाथ मंदिर मौजूद है, जो करीब 250 वर्ष पुराना बताया जाता है। क्वेवता कॉलोनी के पास स्थित यह मंदिर न सिर्फ अपनी ऐतिहासिक महत्ता के लिए जाना जाता है, बल्कि अपनी अनूठी परंपरा के कारण भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसके गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के साथ-साथ भगवान शिव भी विराजमान हैं। आमतौर पर जगन्नाथ मंदिरों में त्रिदेव स्वरूप की पूजा होती है, लेकिन यहां महादेव की उपस्थिति इसे अन्य मंदिरों से अलग और विशेष बनाती है। भक्तों का मानना है कि यहां सृष्टि के पालनकर्ता और संहारकर्ता—दोनों के एक साथ दर्शन का सौभाग्य मिलता है।

स्थानीय श्रद्धालुओं के अनुसार, जो भक्त पुरी जाकर भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने में असमर्थ हैं, वे नागपुर के इस मंदिर में आकर उसी तरह का आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। गर्भगृह में स्थापित भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की प्रतिमाएं भी पुरी मंदिर की तरह अधूरी आकृति वाली हैं, जिनकी बड़ी-बड़ी आंखें भक्तों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती हैं।

मंदिर में पूजा-अर्चना, भोग और प्रसाद की विधि भी पुरी की परंपराओं के अनुरूप ही की जाती है। भगवान को भोग अर्पण करने से लेकर शयन कराने तक की संपूर्ण प्रक्रिया उसी प्राचीन विधि पर आधारित है। इसी वर्ष मंदिर परिसर से भव्य रथ यात्रा भी निकाली गई थी, जिसमें नागपुर के कारीगरों द्वारा निर्मित रथ का उपयोग किया गया। हर साल आयोजित होने वाली रथ यात्रा में हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं।

रथ यात्रा के अवसर पर भगवान जगन्नाथ को प्रसन्न करने के लिए विशेष महाप्रसाद का निर्माण किया जाता है, जिसे बाद में श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है। हालांकि मंदिर का निर्माण काल बहुत पुराना नहीं दिखता, लेकिन समय-समय पर इसकी मरम्मत और जीर्णोद्धार होते रहे हैं, जिससे इसकी परंपराएं आज भी जीवंत हैं।

मंदिर परिसर में भगवान गणेश, मां दुर्गा और भगवान हनुमान सहित अन्य देवी-देवताओं के छोटे मंदिर भी स्थापित हैं, लेकिन गर्भगृह में भगवान शिव के साथ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की एक साथ उपस्थिति इस मंदिर को विशिष्ट पहचान दिलाती है। यही वजह है कि यह मंदिर नागपुर ही नहीं, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी आस्था और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।