महाशिवरात्रि पर संगम नगरी में आस्था का महासंगम, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

  • Post By Admin on Feb 26 2025
महाशिवरात्रि पर संगम नगरी में आस्था का महासंगम, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

प्रयागराज : महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 का छठा और अंतिम शाही स्नान आज संपन्न हो रहा है। इस विशेष अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचे हैं। पूरे मेला क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। ड्रोन और एआई कैमरों की मदद से त्रिवेणी संगम की निगरानी की जा रही है। मेला क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है।

श्रद्धालुओं का जनसैलाब, दो करोड़ लोगों के स्नान का अनुमान

आज के स्नान पर्व में अनुमान है कि लगभग दो करोड़ श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाएंगे। सुबह 8 बजे तक ही 60 लाख से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके थे। 25 फरवरी तक कुल 64.77 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं। भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है। इससे पहले वसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा के स्नान के दौरान जैसी सुरक्षा व्यवस्था थी, वही आज भी लागू की गई है। श्रद्धालुओं के स्वागत में हेलीकॉप्टर से 25 क्विंटल फूलों की वर्षा करने की भी योजना बनाई गई है।

महाकुंभ का समापन, 45 दिवसीय भव्य आयोजन का अंतिम अध्याय

13 जनवरी से शुरू हुआ यह सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन आज महाशिवरात्रि स्नान के साथ संपन्न हो जाएगा। अंतिम स्नान से एक दिन पहले प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया था। आईटीसीसी में स्थापित नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे तैनात टीम हर गतिविधि पर नजर रख रही है। यह टीम घाटों, प्रमुख होल्डिंग क्षेत्रों, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर श्रद्धालुओं की संख्या का आकलन करते हुए भीड़ नियंत्रण में सहयोग कर रही है। बढ़ती भीड़ को संभालने के लिए आवश्यकतानुसार श्रद्धालुओं को बाहरी क्षेत्रों में ही रोका जा रहा है। मेला क्षेत्र में एकल मार्ग प्रणाली लागू है, जिसमें काली सड़क से प्रवेश और त्रिवेणी मार्ग से निकासी सुनिश्चित की गई है।

श्रद्धालुओं से अपील: पास के घाटों पर करें स्नान

बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे संगम के अलावा अरैल, झूंसी, रामघाट, दशाश्वमेध घाट, नागवासुकी आदि घाटों पर भी स्नान करें। इससे भीड़ का संतुलन बना रहेगा और व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित हो सकेंगी। मेला प्रशासन ने घाटों की सफाई व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए स्नान से पहले पुआल बिछवाया और सफाई कर्मचारियों को हर घंटे घाटों की सफाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

शिव मंदिरों में उमड़ेगी श्रद्धालुओं की भीड़

महाशिवरात्रि के दिन संगम स्नान के साथ-साथ श्रद्धालु आसपास के शिवालयों में जलाभिषेक के लिए भी उमड़ेंगे। मेला क्षेत्र के निकट प्रमुख शिव मंदिरों में दशाश्वमेध, सोमेश्वर महादेव और मनकामेश्वर मंदिर शामिल हैं, जहां भोर से ही भक्तों की लंबी कतारें लगने की संभावना है। इसे ध्यान में रखते हुए महाकुंभ नगर के डीएम विजय किरन आनंद ने निर्देश दिया है कि मंदिरों में दो अधिकारियों को लगातार तैनात किया जाए ताकि भीड़ प्रबंधन सुचारू रूप से हो सके और किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।

सुरक्षा के विशेष इंतजाम, नो-व्हीकल जोन लागू

महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व पर सुरक्षा को लेकर विशेष प्रबंध किए गए हैं। मेला क्षेत्र को 27 फरवरी की सुबह 8 बजे तक नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है, जिसे भीड़ की स्थिति के अनुसार आगे भी बढ़ाया जा सकता है। संगम सहित अन्य प्रमुख घाटों पर पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। श्रद्धालुओं के आगमन और प्रस्थान के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं ताकि यातायात सुगमता से चलता रहे।

महाकुंभ नगर के डीएम विजय किरन आनंद ने कहा कि महाशिवरात्रि, महाकुंभ के सबसे महत्वपूर्ण स्नान पर्वों में से एक है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। प्रशासन और पुलिस की ओर से व्यापक इंतजाम किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और वे आसानी से स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित कर सकें।