नवरात्रि पर मध्य प्रदेश के शक्तिपीठों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, जानिए महत्व और मान्यता

  • Post By Admin on Sep 24 2025
नवरात्रि पर मध्य प्रदेश के शक्तिपीठों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, जानिए महत्व और मान्यता

भोपाल : शारदीय नवरात्रि पर मध्य प्रदेश के प्राचीन शक्तिपीठों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना और साधना के इस महापर्व पर श्रद्धालु प्रदेश के उज्जैन, अमरकंटक और अन्य पवित्र स्थलों पर पहुंचकर माता की पूजा-अर्चना कर रहे हैं।

अवंति शक्तिपीठ (उज्जैन): शिप्रा नदी के पूर्वी तट पर स्थित अवंति शक्तिपीठ, जिसे भैरव पर्वत मंदिर भी कहा जाता है, का महत्व अद्वितीय है। मान्यता है कि यहां माता सती का ऊपरी होंठ गिरा था। नवरात्रि के अवसर पर यहां विशेष पूजन, भंडारा और भव्य आयोजन किए जाते हैं।

कालमाधव शक्तिपीठ (अमरकंटक): धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पावन माने जाने वाले अमरकंटक में स्थित इस शक्तिपीठ को इसलिए विशेष माना जाता है क्योंकि यहां सती का बायां नितंब गिरा था। देवी यहां काली रूप में पूजी जाती हैं। नवरात्रि पर यहां साधना और भजन-कीर्तन का खास आयोजन होता है।

नर्मदा शक्तिपीठ (अमरकंटक): अमरकंटक में ही स्थित नर्मदा शक्तिपीठ भी अत्यंत श्रद्धेय है। मान्यता है कि यहां माता सती का दायां नितंब गिरा था। यहां देवी नर्मदा या सोनाक्षी के रूप में पूजी जाती हैं और भैरव भद्रसेन के रूप में विराजमान हैं। नवरात्रि के साथ मकर संक्रांति और शरद पूर्णिमा जैसे पर्वों पर भी यहां उत्सव होते हैं।

देवीपाटन शक्तिपीठ (बलरामपुर, यूपी-एमपी सीमा): नेपाल सीमा से सटे पाटन गांव में स्थित यह शक्तिपीठ भी भक्तों के लिए अत्यंत पूजनीय है। मान्यता है कि यहां सती का वाम स्कंध (बायां कंधा) गिरा था। नवरात्रि पर यहां हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

नवरात्रि के इस पावन पर्व पर इन शक्तिपीठों में उमड़ी भीड़ न केवल आस्था का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि देवी की आराधना आज भी जीवन में शक्ति, संयम और सकारात्मकता का संचार करती है।