विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर का दावा, नीतीश की पार्टी को महज इतनी सीटें

  • Post By Admin on Oct 09 2024
विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर का दावा, नीतीश की पार्टी को महज इतनी सीटें

पटना : जन सुराज के नायक प्रशांत किशोर अपनी पार्टी जन सुराज की घोषणा के बाद लगातार सियासी दावे कर रहे हैं। प्रशांत किशोर की ओर से बाकी राजनीतिक पार्टियों का भविष्य बताया जा रहा है। पीके बता रहे हैं कि जेडीयू और बाकी पार्टियों को कितनी सीटें मिलेंगी। वहीं दूसरी ओर राजनीतिक जानकार ऐसा नहीं मानते हैं।

बिहार के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक धीरेंद्र कुमार का कहना है कि प्रशांत किशोर जब राजनीतिक दलों के लिए डाटा और आंकड़ा कलेक्शन करते थे। उस वक्त की बात अलग थी। प्रशांत किशोर राजनीतिक दलों को जीत दिलाने के बदले मोटी रकम वसूलते थे। अब प्रशांत किशोर खुद की पार्टी बना चुके हैं। ऐसे में उनकी ओर से किसी दल को मिलने वाली सीट के बारे में अनुमान लगाना अब पूरी तरह सियासी माना जाएगाI धीरेंद्र कुमार कहते हैं कि प्रशांत किशोर के विश्लेषण पर अब भरोसा करना सही नहीं कहा जाएगा। ये भी उसी नाव पर सवार हैं। जिस नाव पर बाकी राजनीतिक दल सवार हैI

धीरेंद्र ये भी कहते हैं कि जो शख्स महात्मा गांधी के नाम और उनकी तस्वीर के साथ अपनी राजनीतिक पारी शुरू कर रहा है, वो बिहार में शराबबंदी शुरू करने की बात कह रहा है। जिस गांधी के विचारों से प्रभावित होकर नीतीश कुमार ने शराबबंदी की। पीके अब उसे शुरू करने की बात कह रहे हैं। इससे महिला वोटर नाराज हैं। बिहार की वो पब्लिक नाराज है, जो शराबबंदी के बाद सड़कों पर बंद हो चुकी गुंडागर्दी का सुख भोग रही है। धीरेंद्र मानते हैं कि अब पीके की कोई भी बात रिसर्च बेस्ड नहीं मानी जाएगी। उनके बयान अब राजनीति की दृष्टिकोण से देखे जाने चाहिए।

पीके ने नीतीश कुमार के जेडीयू के राज्य कार्यकारिणी की बैठक में दिए गए बयान पर तंज कसा है। पीके ने नीतीश कुमार के उस बयान पर पलटवार किया हैI जिसमें उन्होंने बिहार में एनडीए के लिए 220 सीटों का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस पर प्रशांत किशोर ने कहा कि जदयू एनडीए के साथ लड़े या महागठबंधन के साथ, अगले चुनाव में उन्हें 20 सीटें भी नहीं मिलेंगी। ऐसा इसलिए क्योंकि आज अगर बिहार की जनता किसी से सबसे ज्यादा नाराज है तो वो हैं नीतीश कुमार।

पीके ने आगे कहा कि जनता नीतीश के अफसर राज से परेशान है। भाजपा भी जानती है कि नीतीश कुमार आज राजनीतिक बोझ बन चुके हैं और कोई कंधा उन्हें उठा नहीं सकता। लेकिन नियति ने भी ऐसी व्यवस्था बना दी है जिसके चलते भाजपा के लिए मजबूरी हो गई है कि उन्हें अगला चुनाव नीतीश के नेतृत्व में ही लड़ना होगा। नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे, जन सुराज पार्टी के लिए इससे अच्छी बात और कुछ नहीं हो सकती।

प्रशांत किशोर ने एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर पार्टी में हिम्मत है, तो वो अगला चुनाव नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके लड़े। अगर ऐसा हुआ तो जो 2020 के चुनाव में जो जेडीयू के साथ हुआ, वही इस बार जदयू के साथ-साथ बीजेपी के साथ भी होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार के बच्चों की चिंता करने की बजाय बीजेपी ने दिल्ली में चंद सांसदों के लालच में बिहार को नीतीश कुमार के हवाले कर दिया।