मुजफ्फरपुर के नगर निकाय चुनाव में सवर्णों का छाया दबदबा, 3 खेमा में बंटा भूमिहार
- Post By Admin on Dec 28 2022

मुजफ्फरपुर : जिले में नगर निगम का चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हो गया. आपको बता दें कि बिना दल गत चुनाव होने के बाद भी मुजफ्फरपुर कि राजनीति में दिलचस्प मोड़ देखने को मिला. मुजफ्फरपुर मेयर व उपमेयर दोनों उम्मीदवारों कि सीट आरक्षित होने के बाद भी यहाँ सवर्ण समाज का वोट की राजनीति को लेकर दबदबा बना रहा. शहर के कई दिग्गज राजनीतिज्ञ भूमिहारों ने अपना खेमा बनाया वहीं ठीक विपरीत नगर विधायक विजेंद्र चौधरी ने भी खुल कर मेयर प्रत्याशी में राकेश कुमार पिंटू व उपमेयर में शब्बीर आलम का समर्थन किया.
3 खेमा में बंटा भूमिहार समाज
शहर की राजनीति में सवर्ण समाज का दबदबा काफी देखने को मिलता है हालाँकि पहले बार मेयर व उपमेयर का चुनाव जनता पर आधारित हुआ है. लेकिन फिर भी भूमिहार समाज के लोगों ने खुल कर मेयर व उपमेयर का समर्थन किया. ३ खेमा में पहले खेमा में पूर्व नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार व भूमिहार के नेता सह सामजसेवी अमर बाबू समेत अन्य भाजपा समर्थकों ने मेयर पद पर निर्मला साहू व उपमेयर पद पर डॉ. मोनालिसा का समर्थन कर दिया.
दूसरे खेमा में अविनाश तिरंगा उर्फ़ ऑक्सीजन बाबा ने विशाल सहनी के समर्थन में जमकर प्रचार-प्रसार किया. व शहर को एक नई राजनीति की दिशा में ले जाने का प्रयास किया. विशाल सहनी के समर्थन में वरीय साहित्यकार डॉ. संजय पंकज, मुकेश त्रिपाठी समेत कई अन्य दिग्गज लगे रहे. वहीं तीसरे गुट के तौर पर पूर्व उपमेयर मानमर्दन शुक्ला ने पूर्व मेयर सुरेश कुमार को अपना समर्थन दे दिया. पूर्व मेयर को मानमर्दन शुक्ला का समर्थन मिलना राजनीति की एक नई सीढ़ी का निर्माण बताया गया. हालाँकि परिणाम जो हो मानमर्दन शुक्ला के समर्थन को युवाओं ने सराहना के साथ खूब भुनाया
अब मतदान समाप्त होने के साथ ही राजनीति संदेहास्पद हो गई है. सभी खेमा अब इस शंका में पड़े हैं कि आखिर जीत किसकी होगी. जनता के सामने सभी खेमा के लोग अपने उम्मीदवार को विजेता बनाते दिख रहे हैं लेकिन एक निष्कर्ष पर पहुँच पाना सभी के लिए मुश्किल सा हो गया है. वही हाल मतदाताओं का भी रहा. इस चुनाव को लेकर सभी में दिलचस्पी केवल वार्ड मेंबर को लेकर ही दिखी. मेयर व उपमेयर के प्रति मतदाता कम जागरूक दिखे. ऐसे में कौन उम्मीदवार बाजी मार जाएंगे यह कहना मुश्किल सा लग रहा है. हालांकि मतदान केंद्रों पर मतदाताओं ने बस एक ही बात कही मेयर जो भी बने शहर को विकास की दिशा में ले जाएं. साथ ही सहयोग करने वाले खेमा के लोग भी जीत के बाद अपने प्रत्याशी से शहर का विकास कराएं. ताकि प्रदेश स्तर पर जिला का नाम हो सके.