नवंबर में मोदी-नीतीश-लालू का जाएगा राज, जनता शिक्षा-रोजगार के मुद्दे पर करेगी वोट : प्रशांत किशोर
- Post By Admin on Aug 12 2025
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बक्सर : जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) ने मंगलवार को बक्सर के डुमरांव में आयोजित बिहार बदलाव जनसभा में सत्ताधारी और पूर्व सत्ताधारी दलों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अब बिहार की जनता जाति और धर्म की राजनीति से तंग आ चुकी है और वास्तविक मुद्दों — खासकर शिक्षा और रोजगार — के आधार पर वोट करने का मन बना चुकी है। पीके ने दावा किया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जैसे नेताओं से छुटकारा चाहते हैं।
सभा में मौजूद हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, "आज बिहार के लोग जात-पात से ऊपर उठकर अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोच रहे हैं। लोग यह समझ चुके हैं कि अगर शिक्षा और रोजगार नहीं मिलेगा, तो बिहार आगे नहीं बढ़ पाएगा।" उन्होंने आरोप लगाया कि तीन दशकों से राज्य की राजनीति उन्हीं चेहरों के इर्द-गिर्द घूम रही है, लेकिन विकास की असली जरूरतें पूरी नहीं हुईं।
प्रशांत किशोर ने चुनाव आयोग पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए के सहयोग से गरीबों, मजदूरों और प्रवासी बिहारियों के नाम वोटर लिस्ट से जानबूझकर हटाए जा रहे हैं। "सरकार और चुनाव आयोग को पता है कि यही लोग उनके खिलाफ वोट डालेंगे, इसलिए इनके नाम काटे जा रहे हैं। लेकिन मैं साफ कह देता हूं, चाहे जितने नाम काट लें, जो लोग वोट देने के लिए बचेंगे, वही इन्हें हराने के लिए काफी होंगे। इस साल नवंबर में भाजपा और नीतीश सरकार का बिहार से जाना तय है," पीके ने कहा।
सभा के दौरान राजनीतिक हलचल तब और बढ़ गई जब भोजपुरी के लोकप्रिय लोकगायक भरत शर्मा ‘व्यास’ ने मंच से जन सुराज में औपचारिक रूप से शामिल होने की घोषणा की। इस मौके पर प्रशांत किशोर ने उन्हें पार्टी की टोपी पहनाकर स्वागत किया और कहा, "जो भी बिहार में वास्तविक बदलाव देखना चाहता है, जो बिहार को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मामले में आगे ले जाना चाहता है, वह जन सुराज से जुड़ेगा ही।"
डुमरांव की यह जनसभा प्रशांत किशोर की बिहार बदलाव यात्रा का हिस्सा थी, जिसके जरिए वह राज्य के कोने-कोने में जाकर लोगों से संवाद कर रहे हैं और उन्हें अपने अभियान से जोड़ रहे हैं। सभा में मौजूद भीड़ ने ‘बदलाव चाहिए’ और ‘जन सुराज जिंदाबाद’ के नारे लगाकर पीके के बयानों का समर्थन किया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बक्सर की यह सभा न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे बिहार की चुनावी हवा में नया संदेश दे गई है। प्रशांत किशोर की रणनीति स्पष्ट है—विकास और रोजगार को केंद्र में रखकर सत्ताधारी गठबंधन और पारंपरिक राजनीति के खिलाफ माहौल बनाना।