बिहार में बीजेपी का खेला शुरू, मंत्रियों के कतरे जाएंगे पर वहीं अन्य विधायक बनेंगे मंत्री
- Post By Admin on Feb 26 2025

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्य सरकार में बड़ा बदलाव करते हुए अपने सात नए मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया है। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया, जहां राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इन विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई।
बीजेपी के सात नए मंत्री
नए मंत्रियों की सूची में विधायक राजू कुमार सिंह राजू, संजय सरावगी, कृष्ण कुमार मंटू, मोती लाल प्रसाद, विजय कुमार मंडल, जीवेश कुमार और सुनील कुमार का नाम शामिल है। इस मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही बीजेपी कोटे के पांच मौजूदा मंत्रियों के विभागों में बड़े बदलाव की संभावना है। कुछ मंत्रियों के विभाग वापस लिए जाने की चर्चा से अंदरूनी असंतोष भी देखा जा रहा है।
कैबिनेट विस्तार पर महीनों से चल रही थी चर्चा
बिहार में कैबिनेट विस्तार की अटकलें पिछले कई महीनों से लगाई जा रही थीं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके लिए पहले से तैयार थे, लेकिन बीजेपी अपने कोटे के मंत्रियों के नाम तय नहीं कर पा रही थी। दिल्ली विधानसभा चुनाव के संपन्न होने के बाद बीजेपी आलाकमान का पूरा फोकस बिहार पर आया, जहां इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
जेडीयू अपने विभाग नहीं छोड़ेगा
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बिहार दौरे के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हुई बैठक में इस फैसले को अंतिम मुहर मिली। बीजेपी ने अपने कोटे से सात नए मंत्रियों को शामिल करने का प्रस्ताव दिया, जिसे नीतीश कुमार ने मंजूरी दे दी। हालांकि, शर्त यह रखी गई कि जेडीयू अपने विभागों में कोई बदलाव नहीं करेगा। बीजेपी को अपने नए मंत्रियों के लिए अपने ही कोटे में फेरबदल करना होगा।
डिप्टी सीएम सहित पांच मंत्रियों के विभाग कट सकते हैं
अब सवाल यह है कि बीजेपी अपने सात मंत्रियों को किस तरह एडजस्ट करेगी? नए मंत्रियों को समायोजित करने के लिए मौजूदा मंत्रियों के विभागों में बदलाव किया जाएगा। इसका मतलब है कि कई मंत्रियों के पोर्टफोलियो में कटौती होगी।
कौन-कौन मंत्री होंगे प्रभावित?
डॉ. दिलीप जायसवाल ने "एक व्यक्ति-एक पद" सिद्धांत के तहत पहले ही इस्तीफा दे दिया है, जिससे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग खाली हो गया। डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा जो पथ निर्माण, खनन और कला-संस्कृति विभाग संभाल रहे हैं उनसे दो विभाग लिए जा सकते हैं। पथ निर्माण उनके पास बना रहेगा। मंगल पांडेय स्वास्थ्य और कृषि विभाग के मंत्री हैं उनसे कृषि विभाग वापस लिया जा सकता है। प्रेम कुमार के पास सहकारिता, वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग हैं उनसे वन और पर्यावरण विभाग छीने जा सकते हैं। नीतीश मिश्रा उद्योग और पर्यटन विभाग के प्रभारी हैं उनसे पर्यटन विभाग लिया जा सकता है। नितिन नवीन नगर विकास और विधि विभाग संभाल रहे हैं उनसे विधि विभाग हटाने की संभावना है।
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के विभाग सुरक्षित
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, जिनके पास वित्त और वाणिज्य कर विभाग हैं इस फेरबदल से उनको राहत मिल सकती है। सूत्रों के मुताबिक, ये दोनों विभाग आपस में जुड़े होने के कारण उनके पास बने रहेंगे।
नए मंत्रियों को एडजस्ट करने की रणनीति तैयार
सरकार नए मंत्रियों को एडजस्ट करने के लिए एक व्यक्ति-एक पद की नीति अपना रही है। मौजूदा मंत्रियों से अतिरिक्त विभाग वापस लेकर नए चेहरों को जगह दी जा रही है। हालांकि, इस फैसले से कई दिग्गज नेता असहज महसूस कर सकते हैं, लेकिन पार्टी नेतृत्व चुनाव से पहले सरकार में संतुलन बनाए रखना चाहता है। बिहार चुनाव से पहले बीजेपी का यह बड़ा दांव क्या सियासी समीकरणों को बदल पाएगा, यह देखने वाली बात होगी।