क्रांतिकारियों को आतंकी कहना विदेशी साजिश : डा. सुधांशु कुमार

  • Post By Admin on Mar 23 2018
क्रांतिकारियों को आतंकी कहना विदेशी साजिश : डा. सुधांशु कुमार

भारत के सबसे बड़े क्रांतिकारी थे शहीदेआजम भगत सिंह, जिन्होंने शोषणमुक्त समरस भारत की कल्पना की थी । उनका सपना आज भी अधूरा है ।भारत की स्वतंत्रता में उनका योगदान किसी से कम नहीं । भगत सिंह , राजगुरु , सुखदेव और चन्द्रशेखर आजाद आजादी के सबसे बड़े योद्धाओं में से थे । कुछ इतिहासकारों ने कुत्सित योजनांतर्गत भगत सिंह , चंद्रशेखर आजाद जैसे शहीदों को आतंकवादी कहकर उनका अपमान किया है । विडंबना यह है कि कुछ छद्म राजनीतिज्ञ भी छुद्र स्वार्थवश उनके सुर में सुर मिलाते दिखाई देते हैं ।

यह भारत के सबसे बड़े स्वतंत्रता सेनानियों में शुमार भगत सिंह , राजगुरु , सुखदेव , चंद्रशेखर आजाद जैसे शहीदों का घोर अपमान है । उक्त बातें ‘महाकवि राम इकबालसिंह राकेश साहित्य परिषद सिमुलतला के संयोजक डा. सुधांशु कुमार ने , शहीद दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सिमुलतला आवासीय विद्यालय में कहीं । उन्होंने बताया कि आज जिस प्रकार शैक्षणिक संस्था भ्रष्टाचार का शिकार हो गई हैं वह अत्यंत ही खतरनाक साबित हो रहा है । देश के तथाकथित उच्च संस्थान जे.एन.यू. के एक इतिहास कार शिक्षक द्वारा भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद को आतंकवादी बताया जाना और जिसकी किताब लगभग 35 वर्षों तक पढ़ायी गयी , यह स्वतंत्र भारत की शिक्षा के इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी है । भारत माता को बेड़ियों से मुक्त करने के लिए जिन्होंने क्रांति की चिनगारी सुलगाई , जिनके कारण अंग्रेजों को भारत से भागने पर मजबूर होना पड़ा , उन्हीं को दंभी इतिहासकारों द्वारा आतंकवादी कहा जाना सबसे बड़ा दुर्भाग्य और विदेशी साजिश है , सरकार को चाहिए कि ऐसे लोगों पर एक्शन ले । परिषद की समन्वयक डा. शिप्रा प्रभा ने भगतसिंह जैसे शहीदों की जीवनी को विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम में शामिल करने पर जोर दिया ताकि बच्चों के आचरण में देशभक्ति का समावेश हो वहीं गोपाल शरण शर्मा ने भगतसिंह को अब तक का सबसे बड़ा क्रांतिकारी बतलाते हुए राष्ट्र के प्रति उनकी दिवानगी पर प्रकाश डाला । छात्र आदित्य ने भगतसिंह से संबंधित अपनी मौलिक कविता का पाठ किया । मौके पर खुशबू , अनिमेष , खुशी , नम्मी , सौरभ , रिया , किशोर , लक्ष्मी , भारती , रोहित , रितेश , आभा आदि मौजूद थे । स्वागत संबोधन डा. प्रवीण कुमार सिन्हा ने एवं धन्यवाद ज्ञापन राकेश कुमार पांडेय ने किया ।