नवजात शिशु सुरक्षा को सशक्त बनाने हेतु दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

  • Post By Admin on Dec 18 2025
नवजात शिशु सुरक्षा को सशक्त बनाने हेतु दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

लखीसराय : स्वास्थ्य विभाग, लखीसराय के तत्वावधान में नवजात शिशुओं की सुरक्षा एवं गुणवत्तापूर्ण देखभाल को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई। गुरुवार (18 दिसम्बर 2025) से सदर अस्पताल, लखीसराय के सभागार में जिला स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) एवं एएनएम के लिए दो दिवसीय नवजात शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (NSSK) का प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ।

इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य जन्म के समय एवं जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशुओं को सुरक्षित, प्रभावी एवं जीवनरक्षक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है, जिससे नवजात मृत्यु दर में कमी लाई जा सके। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों से आए CHO एवं ANM ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

प्रशिक्षण सत्र में विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ए. बिभूषण कुमार (सदर अस्पताल, लखीसराय) ने नवजात शिशु के पुनर्जीवन (Neonatal Resuscitation), तत्काल नवजात देखभाल, तापमान संरक्षण (थर्मल केयर), नाल काटने की सुरक्षित प्रक्रिया, त्वचा से त्वचा संपर्क, शीघ्र एवं अनन्य स्तनपान, कम वजन एवं समयपूर्व जन्मे शिशुओं की देखभाल तथा संक्रमण की रोकथाम जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी।

प्रशिक्षण के दौरान डमी (मॉडल) एवं आवश्यक चिकित्सीय उपकरणों के माध्यम से व्यावहारिक अभ्यास भी कराया गया, ताकि प्रतिभागी वास्तविक परिस्थितियों में त्वरित एवं सही निर्णय लेने में सक्षम हो सकें। विशेषज्ञों ने बताया कि जन्म के बाद पहला “गोल्डन मिनट” नवजात शिशु के जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और इसी समय की गई सही चिकित्सा हस्तक्षेप शिशु की जान बचा सकती है।

इस अवसर पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक ने कहा कि NSSK प्रशिक्षण नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में एक प्रभावी कदम है। संस्थागत प्रसव की गुणवत्ता बढ़ाने और प्रसव कक्षों में मानकीकृत नवजात देखभाल सुनिश्चित करने के लिए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जा रहे हैं।

NSSK प्रशिक्षण के प्रमुख बिंदु

  • जन्म के समय स्वच्छ एवं सुरक्षित डिलीवरी की तैयारी

  • जन्म के तुरंत बाद शिशु को सुखाना, गर्माहट बनाए रखना एवं त्वचा से त्वचा संपर्क

  • शिशु की सांस का आकलन एवं आवश्यकता पड़ने पर नवजात पुनर्जीवन

  • जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान की शुरुआत एवं अनन्य स्तनपान को बढ़ावा

  • संक्रमण से बचाव एवं जोखिम संकेतों की पहचान

  • गंभीर नवजात शिशुओं का समय पर रेफरल एवं सही दस्तावेजीकरण

  • डिलीवरी टीम में बेहतर समन्वय एवं परिजनों से प्रभावी संवाद

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जिले में नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे भविष्य में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ किया जा सकेगा।