बिहार सरकार की स्वास्थ्य समिति ने जारी की एचएमपीवी के लिए स्वास्थ्य सलाह
- Post By Admin on Jan 08 2025

पटना : बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक नई स्वास्थ्य सलाह जारी की गई है, जिसमें ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के लक्षण और उससे बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी गई है। यह वायरस खासकर सर्दी-गर्मी के मौसम में सक्रिय होता है और इसके लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं। हाल ही में, चीन में एचएमपीवी के मामलों में वृद्धि देखी गई है और भारत में दिसंबर 2024 में इस वायरस के कुछ मामलों की पुष्टि भी की गई है।
एचएमपीवी एक सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस है जो खांसी, बुखार, नाक बंद होना, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण पैदा करता है। गंभीर मामलों में यह वायरस ब्रोंकाइटिस और निमोनिया का कारण बन सकता है। इसके संक्रमण का सबसे अधिक खतरा छोटे बच्चों, 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को होता है।
एचएमपीवी मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने और उससे संपर्क में आने से फैलता है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुएं जैसे कि टॉयलेट, फोन, या अन्य सतहों से भी यह फैल सकता है। इसके लिए 3-6 दिन का इन्क्यूबेशन पीरियड होता है और यह वायरस आमतौर पर सर्दी और वसंत के मौसम में फैलता है।
बिहार सरकार द्वारा जारी की गई स्वास्थ्य सलाह में एचएमपीवी से बचाव के लिए हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोने, गंदे हाथों से आंख, नाक या मुंह को नहीं छूने, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखने, खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल या टिशू से ढकने, संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुओं को साफ करने, संक्रमण के दौरान खुद को घर में आइसोलेट करने और 60 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति, छोटे बच्चे और कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है जो कोविड-19 से बचाव के उपायों से मिलते-जुलते हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि मलेशिया में 2024 में 327 एचएमपीवी के मामले सामने आए। जबकि भारत में दिसंबर 2024 में SARI (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस) के 714 मामलों में से 9 मामलों में एचएमपीवी की पुष्टि हुई है। यह वायरस वैश्विक स्तर पर चिंता का कारण बन गया है और इस पर सरकार द्वारा सतर्कता बनाए रखी जा रही है।