भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में मुजफ्फरपुर के प्रख्यात अभिनेता का निधन 

  • Post By Admin on Dec 16 2024
भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में मुजफ्फरपुर के प्रख्यात अभिनेता का निधन 

मुजफ्फरपुर : भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के वरिष्ठ अभिनेता और निर्माता विजय खरे का रविवार अहले सुबह 4 बजे निधन हो गया । पिछले कुछ समय से वे बीमार चल रहे थे । उनका इलाज बेंगलुरु के कावेरी अस्पताल में चल रहा था। विजय खरे का जाना न केवल भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री बल्कि उनके प्रशंसकों के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है। उनके निधन से इंडस्ट्री में शोक की लहर है और उनके चाहने वाले गहरे सदमे में हैं।

मुजफ्फरपुर के मालीघाट इलाके से मायानगरी तक का सफर तय करने वाले विजय खरे ने अपने अभिनय और फिल्म निर्माण से भोजपुरी सिनेमा में अमिट छाप छोड़ी। उनकी फिल्म 'गंगा किनारे मोरा गांव' जो 1984 में रिलीज़ हुई थी, ने उन्हें एक महान कलाकार के रूप में स्थापित कर दिया। इस फिल्म में निभाए गए 'भीमा' के किरदार ने उन्हें रातो रात स्टार बना दिया था । उस समय उनकी फिल्मों की लोकप्रियता इतनी थी कि ग्रामीण इलाकों से लोग बैलगाड़ियों में राशन लेकर सिनेमा देखने आते थे।

विजय खरे ने अपने करियर में लगभग 250 फिल्मों में काम किया। उनकी फिल्मों में हे तुलसी मैया, जुग-जुग जिओ मोरे लाल और गंगा किनारे मोरा गांव जैसी कई यादगार फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों के जरिए उन्होंने न सिर्फ अपनी पहचान बनाई बल्कि भोजपुरी सिनेमा को एक नया आयाम दिया।

उनकी खासियत यह थी कि वे स्थानीय प्रतिभाओं को फिल्मों में मौका देते थे। उन्होंने अपने मालीघाट स्थित निवास पर 'विजय खरे एक्टिंग इंस्टीट्यूट' की स्थापना की, जहां न केवल बिहार बल्कि बिहार के बाहर से भी कलाकार प्रशिक्षण लेने आते थे। उनकी योजना बज्जिका भाषा में फिल्म निर्माण करने की भी थी ताकि क्षेत्रीय भाषा को प्रोत्साहन मिल सके।

विजय खरे के सुपुत्र आशुतोष खरे ने भी अपने पिता की विरासत को संभालते हुए भोजपुरी फिल्मों में अभिनेता और निर्माता के रूप में अपनी पहचान बनाई है। विजय खरे का भारतीय जन नाट्य संघ से भी गहरा जुड़ाव रहा। वे अक्सर इस संस्था के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते थे।

उनके निधन पर सरला श्रीवास सामाजिक सांस्कृतिक शोध संस्थान के संयोजक सुनील सरला, चाइल्डसेफ के जयचंद्र कुमार, कठपुतली कला केंद्र की सचिव प्रीति कुमारी, स्वर्णिम कला केंद्र की ऊषा किरण और अन्य सांस्कृतिक संगठनों के प्रमुखों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। विजय खरे के योगदान को भोजपुरी सिनेमा और कला जगत हमेशा याद रखेगा। उनका नाम और काम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बना रहेगा।