अध्यापन पेशा नहीं, सबसे बड़ी राष्ट्र सेवा है : डॉ. सुधांशु कुमार

  • Post By Admin on Mar 11 2024
अध्यापन पेशा नहीं, सबसे बड़ी राष्ट्र सेवा है : डॉ. सुधांशु कुमार

पटना : अध्यापन पेशा नहीं, सबसे बड़ी राष्ट्र सेवा है। शिक्षा के द्वारा ही समाज और राष्ट्र का समेकित एवं सर्वांगीण विकास संभव है और यह तभी होगा जब शिक्षक संपूर्ण समर्पण के साथ अपने कर्तव्य का पालन करें। शिक्षा विभाग के संरक्षण और एससीईआरटी के निर्देशन में जो शिक्षकों का प्रशिक्षण चल रहा है, उससे अवश्य ही शिक्षा में गुणात्मक सुधार होगा। उक्त बातें प्राथमिक शिक्षक महाविद्यालय, मसौढ़ी, पटना में टोला सेवक एवं तालिमी मर्कज के 301 शिक्षकों के छ: दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के समापन सत्र के अवसर पर संबोधित करते हुए शैक्षणिक प्रमुख व व्यंग्यकार डॉ. सुधांशु कुमार ने कही। आगे उन्होंने कहा कि एक शिक्षक को हमेशा विचारशील, नवाचारी और सृजनशील होना चाहिए ताकि शिक्षकों का यह ज्ञान बच्चों में जा सके। इससे शिक्षकों के माध्यम से देश के लिए बेहतर नागरिक बनाने में न केवल मदद मिलेगी बल्कि बेहतर समाज का निर्माण होगा और अंततः एक श्रेष्ठ राष्ट्र की संकल्पना हम पूरा कर सकेंगे।

जिस बिहार ने कभी भारत वर्ष को विश्वगुरु के पद पर आसीन किया, वह आज शिक्षा के सबसे निचले पायदान पर है, जो चिंतनीय है और इसे तभी सुधारा जा सकता है जब यहां के शिक्षक संपूर्ण तन्मयता व समर्पण के साथ अपने दायित्वों को पूरा करने का संकल्प लें। इसी चरमरायी शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने का महत कार्य शिक्षा विभाग द्वारा एससीईआरटी के तत्वावधान में किया जा रहा है। यह बिहार की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक शुभ संकेत है। 

यहां यह भी विदित हो कि सभी प्रशिक्षु टोला सेवकों एवं तालिमी मर्कज ने एक स्वर में इस बात को स्वीकार  किया कि यह प्रशिक्षण उन्हें न केवल जागरूक किया है बल्कि परंपरागत अध्ययन- अध्यापन में सुधार करने के लिए प्रेरित भी किया है। उन्होंने महसूस किया कि यह प्रशिक्षण उनके लिए जरूरी था। अंत में सभी ने महाविद्यालय के व्याख्याताओं को पुष्पगुच्छ एवं डायरी कलम से सम्मानित किया। सभी ने एक स्वर से संकल्प लिया कि  यथासंभव अपने-अपने छात्रों को बेहतर बनाने का प्रयास करेंगें क्योंकि जब शिक्षक नित्य नए ज्ञान से अवगत होंगे तो उसका लाभ बच्चों को अवश्य मिलेगा। धन्यवाद ज्ञापन व्याख्याता श्रीमती शशिबाला कुमारी ने दिया।

इस अवसर व्याख्याता श्रीमती मिनाक्षी कुमारी,  श्रीमती शशि बाला कुमारी, संजय कुमार के साथ-साथ शनि कुमार, मनोज कुमार, विकास कुमार, वृंद कुमार, राजेश कुमार, लालकेश्वर कुमार आदि सभी शिक्षकेतर कर्मी भी मौजूद रहें।