प्रेमचंद की रचनाएं आमजन की समस्याओं के प्रति जागरूक करती हैं : डॉ. अनीता सिंह
- Post By Admin on Jul 31 2024
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मुजफ्फरपुर : आरडीएस कॉलेज में प्रेमचंद जयंती के अवसर पर "प्रेमचंद और हमारा समय" विषय पर आयोजित संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज के आइक्यूएसी और भाषा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्या डॉ. अनीता सिंह ने कहा, "प्रेमचंद ने अपनी रचनाओं में गरीब, मजदूर, किसान, महिलाओं और समाज के दलित-शोषित वर्ग की समस्याओं का बखूबी चित्रण किया है। उनकी कालजयी रचनाएं आज के युग में भी उतनी ही सार्थक हैं और समस्याओं के प्रति जागरूकता पैदा करती हैं।"
हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा, "प्रेमचंद शोषित और वंचित वर्गों की आवाज के पैरोकार थे। उनकी रचनाओं में आमजन की भावनाओं, परिस्थितियों, और समस्याओं का अत्यंत सजीव व मार्मिक चित्रण मिलता है। इसीलिए उनकी रचनाएं लोकप्रिय होने के साथ-साथ प्रासंगिक भी हैं।"
डॉ. नीरज कुमार मिश्रा ने कहा, "प्रेमचंद नाम एक युग बोध का परिचायक है। उनके लिए मानवतावाद जीवन और मरण का प्रश्न था, क्योंकि वे इसे शोषित और वंचित तबके से जोड़कर देखते थे।"
डॉ. नीलिमा झा ने प्रेमचंद की कहानी 'पंच परमेश्वर' की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा, "क्या बिगाड़ के डर से ईमान की बात नहीं करोगे" - यह पंक्तियां भारतीय संस्कृति को परिभाषित करती हैं।
डॉ. हसन रजा ने कहा, "प्रेमचंद काफी बाद में प्रेमचंद हुए। सबसे पहले वे धनपत राय थे और बाद में उर्दू में नवाब राय के नाम से लिखते रहे।"
इस मौके पर सभी विभागों के शिक्षकगण, कर्मचारी, और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का मंच संचालन साहित्यकार व कवयित्री डॉ. सरोज पाठक ने किया, और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मनोज कुमार सिंह ने किया।