डीएवी पब्लिक स्कूल में श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाई गई महात्मा हंसराज जयंती
- Post By Admin on Apr 19 2025
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लखीसराय : डीएवी पब्लिक स्कूल, विद्यापीठ चौक के समीप बड़हिया एनएच 80 किनारे स्थित परिसर में शनिवार को महात्मा हंसराज की जयंती बड़े ही श्रद्धा भाव, भक्ति और उल्लास के साथ मनाई गई। पूरे विद्यालय में दिनभर जयंती समारोह की धार्मिक, सांस्कृतिक और वैचारिक गतिविधियाँ गूंजती रहीं।
समारोह की शुरुआत विशेष प्रार्थना सभा से हुई, जिसमें महात्मा हंसराज के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें स्मरण किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी और सभी कक्षाओं के छात्र-छात्रा प्रमुखों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कार्यक्रम के संचालन में धर्मेंद्र सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
विद्यालय की छात्राओं शांभवी कुमारी, कौशिकी कुमारी, मोना बांका, अनम, कुमुद, आर्यन कुमार, हर्ष कुमारी, श्रेया सुमन, प्रेरणा कुमारी, रियान पटेल, कीर्ति कुमारी, आराध्या कुमारी, यशिका और स्वीटी कुमारी ने मिलकर शिक्षक दिलीप राय और हिमांशु चौधरी के संयोजन में “दयानंद से दया मिली और हंसराज ने ज्ञान दिया” भजन की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरीय शिक्षक निहार रंजन नायक ने कहा कि महात्मा हंसराज न केवल आदर्श शिक्षक थे, बल्कि वे आर्य समाज के प्रखर प्रवक्ता और समाज सुधारक भी थे। उन्होंने जातिवाद के विरुद्ध आवाज़ उठाई और शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। उनका ही योगदान है कि डीएवी संस्थान आज देश-विदेश में शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
अन्य शिक्षकों—विमलेश पांडेय और नमिता आनंद ने भी महात्मा हंसराज के जीवन आदर्शों को छात्र-छात्राओं के समक्ष प्रस्तुत करते हुए उन्हें प्रेरणा लेने का संदेश दिया।
प्रार्थना सभा के उपरांत संस्कृत शिक्षक पवित्र दास के आचार्यत्व में सभी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में हवन यज्ञ का आयोजन हुआ। यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ उपस्थित सभी को आशीर्वचन दिए गए और महात्मा हंसराज के पदचिह्नों पर चलने की प्रेरणा दी गई।
समारोह में शिक्षक धर्मेंद्र सिंह, सुनील कुमार, डॉ. समीर कुमार पाठक, विनय ओझा, दीपक वर्मा, राहुल कुमार, वरुण सिंह और विशाल सहित विद्यालय परिवार के सभी सदस्य सक्रिय रूप से उपस्थित रहे। यह आयोजन न सिर्फ एक श्रद्धांजलि था, बल्कि महात्मा हंसराज के विचारों को जीवन में उतारने का संकल्प भी।