लखनऊ सामूहिक हत्याकांड में नया खुलासा, पिता बदर की वसीयत ने उलझाई पूरी गुत्थी
- Post By Admin on Jan 04 2025

लखनऊ : यूपी की राजधानी लखनऊ में हुए सामूहिक हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना में अरशद नामक युवक ने अपने पिता बदरुद्दीन उर्फ बदर के साथ मिलकर अपनी मां और चार बहनों की निर्मम हत्या कर दी। इस हत्याकांड में सामने आई वसीयत और अरशद के बयान ने कहानी को और भी उलझा दिया है।
वसीयत से खुलासा: बेटियों को मकान, बेटे को बेदखल
पुलिस को बदरुद्दीन द्वारा लिखी गई एक वसीयत मिली है, जिसमें उन्होंने अपनी संपत्ति बेटियों के नाम कर दी थी। वसीयत में बदर ने लिखा था कि उनका बेटा अरशद उनकी सेवा नहीं करता और बेटियां उनकी हर प्रकार से देखभाल करती हैं। इस कारण उन्होंने मकान का मालिकाना हक बेटियों को सौंप दिया। वसीयत के अनुसार, बदर ने लिखा था, "जब तक मैं जीवित हूं, मकान मेरा रहेगा, लेकिन मेरी मृत्यु के बाद यह बेटियों का होगा।"
अरशद और बदर: पिता-पुत्र का काला सच
पुलिस की जांच में पता चला है कि अरशद अपनी मां और बहनों पर अत्याचार करता था। मोहल्ले के लोगों के मुताबिक, अरशद ने उन्हें घर में कैद कर रखा था। बदर भी बेटे की हरकतों से परेशान था, जिसके चलते उन्होंने वसीयत लिखी। लेकिन सवाल उठता है कि यदि बदर अपने बेटे से इतने परेशान थे, तो उन्होंने उसकी इस खौफनाक साजिश में साथ क्यों दिया?
हत्या की साजिश: अजमेर से लखनऊ तक का सफर
अरशद और बदर ने मिलकर परिवार को अजमेर से लखनऊ बुलाया। नए साल की पार्टी के बहाने होटल में शराब पिलाई गई। नाबालिग बच्चियों को भी जबरन शराब पिलाई गई ताकि वे बेसुध हो जाएं। इसके बाद मां अस्मा और बहनों अल्शिया, रहमीन, अक्सा और आलिया की बेरहमी से हत्या कर दी गई।
वीडियो में अरशद का कबूलनामा
सोशल मीडिया पर आरोपी का एक वीडियो वायरल हुआ है। इसमें वह कह रहा है, मैं अपने पूरे परिवार के साथ लाचारी और निराशा में यह कदम उठाने के लिए मजबूर हूं। जब पुलिस को यह वीडियो मिलेगा, तब तक मैं अपनी बहनों और खुद को मार चुका होऊंगा। मैं अनुरोध करता हूं कि पुलिस हमारे मोहल्ले के लोगों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराए जिन्होंने उसके घर पर कब्जा कर लिया है। मैंने आवाज उठाई लेकिन किसी ने नहीं सुनी। 10 दिनों से हम फुटपाथ पर सोने को मजबूर हैं। उसने मोहल्ले में परेशान करने वाले कुछ लोगों के नाम लिए हैं।
हत्या की खौफनाक कहानी
हत्या की योजना इतनी निर्मम थी कि मां और बहनों के गले रेतने के साथ-साथ उनकी नसें भी काट दी गईं। बदर ने छोटी बहनों अक्सा और आलिया का गला घोंट दिया। चीख-पुकार को रोकने के लिए सभी के मुंह में कपड़ा ठूंस दिया गया।
हत्या के बाद बदर हुआ फरार
हत्या के बाद अरशद ने अपने पिता को चारबाग रेलवे स्टेशन छोड़ा और खुद पुलिस चौकी जाकर आत्मसमर्पण कर दिया। वहीं, बदर ने अपना फोन होटल में ही छोड़ दिया, जिससे उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है। पुलिस की दो टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं।
पुलिस की जांच: वसीयत ने बढ़ाई उलझन
पुलिस वसीयत के आधार पर इस गुत्थी को सुलझाने में लगी है। सवाल यह है कि क्या बदर ने अपनी जान बचाने के लिए बेटे का साथ दिया या इसके पीछे कोई और मजबूरी थी। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि बदर किन लोगों के संपर्क में था और क्या उसने किसी को अपने बेटे की धमकियों के बारे में बताया था।