चाईबासा के बाल संप्रेक्षण गृह का ताला तोड़ नाबालिग फरार
- Post By Admin on Apr 02 2025

झारखंड: झारखंड के चाईबासा जिले में स्थित बाल संप्रेक्षण गृह से 21 नाबालिग कैदी फरार हो गए। यह घटना मंगलवार, 1 अप्रैल की शाम को हुई, जब बाल कैदियों ने पहले अंदर के दरवाजे और अन्य सामानों को तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त किया और फिर मुख्य दरवाजे को धक्का देकर बाहर निकल गए।
घटना के समय कोल्हान डीआईजी और कमिश्नर का कार्यालय मात्र 13 मिनट की दूरी पर था, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। घटना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और फरार कैदियों की तलाश शुरू कर दी गई।
चार कैदी लौटे, 17 की तलाश जारी
घटना के बाद चाईबासा पुलिस के लिए थोड़ी राहत की बात यह रही कि फरार हुए 21 में से 4 बाल कैदी देर रात लौट आए। इनमें से तीन कैदी अपने घर पहुंचने पर परिजनों द्वारा समझाने पर वापस सुधार गृह आ गए, जबकि एक को ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। इन चारों को दोबारा बाल संप्रेक्षण गृह में बंद कर दिया गया है, वहीं शेष 17 कैदियों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
कैसे हुआ जेल ब्रेक?
मंगलवार शाम करीब 5 बजे बाल संप्रेक्षण गृह में बंद बाल कैदी प्रशासन से नाराज थे। उन्होंने पहले अंदर के दरवाजे और सामानों को नुकसान पहुंचाया, फिर सीसीटीवी कैमरों को तोड़ दिया। इसके बाद, मुख्य दरवाजे को जोर से धक्का देकर उसे तोड़ दिया और फरार हो गए।
पुलिस प्रशासन पर उठे सवाल
घटना के बाद पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। कोल्हान डीआईजी मनोज रतन चौथ के अधीन आने वाले चाईबासा, जमशेदपुर और सरायकेला जिले की पुलिस इस क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालती है। इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद बाल कैदियों का संप्रेक्षण गृह से फरार हो जाना पुलिस की सतर्कता पर सवाल खड़े करता है।
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
यह पहली बार नहीं है जब चाईबासा में इस तरह की घटना हुई हो। 2014 में भी एक बड़ी जेल ब्रेक की घटना हुई थी, जिसमें लगभग 10 कैदी फरार हो गए थे। इससे पहले भी जेल में कुछ कैदियों की मौत हो चुकी है। इस ताजा घटना ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है।
पुलिस की कार्रवाई जारी
फिलहाल चाईबासा पुलिस, सदर अनुमंडल पुलिस और प्रशासन के अन्य अधिकारी मामले की जांच में जुटे हैं। फरार 17 बाल कैदियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी है। इस घटना के बाद बाल संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने की जरूरत महसूस की जा रही है।