134 पुलिसकर्मियों पर FIR, आपराधिक विश्वासघात का आरोप
- Post By Admin on Dec 21 2024

मुजफ्फरपुर : जिले में 134 पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि इन्होंने तबादले के बाद 943 आपराधिक मामलों से जुड़ी फाइलें संबंधित अधिकारियों को नहीं सौंपी। जिसके कारण इन मामलों में न्यायिक प्रक्रिया में रुकावट आ रही है। यह मामला तब सामने आया जब पुलिस प्रशासन ने लंबित मामलों की समीक्षा की और यह पाया कि पिछले कई सालों से इन फाइलों की अदला-बदली नहीं की गई थी। जिससे पीड़ितों को न्याय मिलने में देरी हो रही है।
क्या है मामला?
मुजफ्फरपुर में यह गंभीर मामला तब सामने आया जब वरीय पुलिस अधिकारियों ने जिले में लंबित आपराधिक मामलों की समीक्षा की। आरोप है कि जिन पुलिसकर्मियों का तबादला किया गया उन्होंने उस दौरान अपने साथ 943 आपराधिक मामलों की फाइलें अपने पास रख लीं और उन फाइलों को संबंधित अधिकारियों को सौंपने में नाकाम रहे। इसके कारण कई केसों की जांच रुक गई है और पीड़ितों को न्याय दिलाने में बाधाएं उत्पन्न हुई हैं।
पुलिसकर्मियों को अपने तबादले के बाद उन मामलों की फाइलों को नए अधिकारी के पास सौंपना होता है लेकिन इन 134 पुलिसकर्मियों ने ऐसा नहीं किया। इसके बाद एसएसपी राकेश कुमार के आदेश पर इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। अगर इन पुलिसकर्मियों ने संबंधित केस फाइलें नहीं सौंपीं तो उनकी गिरफ्तारी की जा सकती है।
पुलिसकर्मियों पर आरोप और एफआईआर
मुजफ्फरपुर के विभिन्न थानों में दारोगा और अन्य पुलिसकर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। इन आरोपितों में वे पुलिस अधिकारी शामिल हैं। जिन्होंने पांच से दस साल पहले अन्य थानों या जिलों में तबादला किया था लेकिन अपनी पिछली जिम्मेदारियों का पालन नहीं किया। काजी मोहम्मदपुर थाने में इस मामले की प्राथमिकी दारोगा रवि कुमार गुप्ता द्वारा दर्ज कराई गई है। जिसमें कहा गया है कि पूर्व में पदस्थापित कई पुलिसकर्मियों ने केसों का प्रभार बिना सौंपे अन्य स्थानों पर ट्रांसफर कर लिया। जिससे जांच प्रभावित हुई है।
किस थाने में कितने पुलिसकर्मियों पर एफआईआर ?
मुजफ्फरपुर के विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें काजी मोहम्मदपुर थाना में 11 पुलिसकर्मी, सदर थाना में 21 पुलिसकर्मी, ब्रह्मपुरा थाना में 27 पुलिसकर्मी, अहियापुर थाना में 6 पुलिसकर्मी, नगर थाना में 54 पुलिसकर्मी और अन्य थानों में भी कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
इन पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि वे दस साल से अधिक समय से केसों का प्रभार लेकर लापता हैं और बार-बार सूचित करने के बावजूद उन्होंने केस फाइलें संबंधित अधिकारियों को नहीं सौंपीं।
मुख्य आरोपी पुलिसकर्मी
काजी मोहम्मदपुर थाना में दस साल से अधिक समय से केस फाइलें लेकर लापता चल रहे दरोगा और पुलिसकर्मियों पर आरोप है। इनमें प्रमुख आरोपी भुनेश्वर सिंह, फुलजेम्स कंडोला, सरोज कुमार, गोपाल पांडेय, राधा सरन पाठक, देवेंद्र प्रसाद, रामाधार सिंह, विश्वनाथ झा, दिनेश महतो, सुनील कुमार और विजय सिंह हैं। इन सभी पुलिसकर्मियों को कई बार पत्राचार के जरिए केस फाइलें सौंपने के लिए कहा गया था लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
न्याय में देरी का कारण
इस मामले में सबसे गंभीर पहलू यह है कि इन पुलिसकर्मियों के लापरवाह रवैये के कारण सैकड़ों केस वर्षों से लंबित पड़े हुए हैं। जिन पीड़ितों ने इन मामलों में न्याय की उम्मीद में पुलिस स्टेशन का रुख किया वे कई वर्षों से न्याय पाने के लिए इंतजार कर रहे हैं। इस देरी के कारण पीड़ितों को मानसिक और आर्थिक दोनों तरह के कष्ट हो रहे हैं।
आगे की कार्रवाई
मुजफ्फरपुर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है। एसएसपी राकेश कुमार ने आदेश दिया है कि इन सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी और यदि उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं किया तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। इसके अलावा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए जल्द से जल्द केसों की समीक्षा की जाएगी।
यह मामला पुलिस प्रशासन की जवाबदेही को लेकर बड़ा सवाल खड़ा करता है और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता को दर्शाता है कि न्याय व्यवस्था में कोई अवरोध न आए ताकि लोगों को समय पर और सही तरीके से न्याय मिल सके।