आगरा में फर्जी डिग्री रैकेट का भंडाफोड़, MBA की डिग्री के लिए वसूले जा रहे थे डेढ़ लाख से ज्यादा

  • Post By Admin on Mar 22 2025
आगरा में फर्जी डिग्री रैकेट का भंडाफोड़, MBA की डिग्री के लिए वसूले जा रहे थे डेढ़ लाख से ज्यादा

आगरा : शिक्षा जगत में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) आगरा ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो देशभर के कई विश्वविद्यालयों की फर्जी अंकतालिका और डिग्री तैयार कर मोटी रकम वसूल रहा था। गिरोह का मास्टरमाइंड धनेश मिश्रा नाम का एलएलबी पास युवक है, जो अजीत नगर में दुकान खोलकर पिछले दो साल से इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहा था।

MBA के लिए 1.80 लाख से 2.40 लाख, BA-BSc की डिग्री 25 हजार में

एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि धनेश मिश्रा MBA की फर्जी डिग्री तैयार करने के लिए 1.80 लाख से 2.40 लाख रुपये तक वसूलता था, जबकि BA, B.Com और BSc जैसी डिग्री 25 हजार से 40 हजार रुपये में बनवा देता था। इतना ही नहीं, वह अलग-अलग विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों से मिलीभगत कर छात्रों की कॉपियां भी अपने ऑफिस में बैठाकर लिखवाता था।

एक महीने में अंकतालिका तैयार, यूनिवर्सिटी कनेक्शन की भी जांच

हैरानी की बात यह है कि जुलाई में एडमिशन लेने वालों को अगस्त में ही अंकतालिका थमा दी जाती थी। इससे एसटीएफ को शक है कि पूरा खेल यूनिवर्सिटी स्तर तक फैला हुआ है। सुभारती यूनिवर्सिटी, मंगलायतन यूनिवर्सिटी, सिक्किम ओपन बोर्ड और सुरेश ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी के नाम सामने आए हैं, जहां एडमिशन के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा था।

भूतल पर दुकान, चार युवतियां करती थीं कॉपी लिखने का काम

धनेश ने 12 हजार रुपये महीने पर तीन मंजिला मकान किराए पर ले रखा था। नीचे की मंजिल में दो कमरों में ऑफिस चलता था, जहां चार युवतियां काम करती थीं। ये युवतियां न केवल छात्रों से संपर्क करती थीं बल्कि उनकी परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाएं भी लिख देती थीं। इसके लिए उन्हें हर महीने 5 से 6 हजार रुपये मिलते थे।

फर्जी डिग्री लेने वालों की अब तलाश में एसटीएफ

एसटीएफ इंस्पेक्टर हुकुम सिंह ने बताया कि अब उनकी टीम उन लोगों की तलाश कर रही है, जिन्होंने पैसे देकर ये फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट बनवाई हैं। टीम को बरामद कॉपियों की लिखावट एक जैसी मिली है, जिससे साफ है कि ये सभी कॉपियां एक ही जगह लिखी गई हैं।

पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले बनते थे टारगेट

धनेश मिश्रा उन युवाओं को अपना शिकार बनाता था, जो किसी वजह से पढ़ाई पूरी नहीं कर सके थे और अच्छी नौकरी के लिए डिग्री की तलाश में थे। वह उन्हें भरोसा दिलाता था कि बिना पढ़ाई और परीक्षा दिए ही डिग्री मिल जाएगी। चूंकि कई निजी नौकरियों में डिग्री का वेरिफिकेशन नहीं होता, इसलिए लोग झांसे में आ जाते थे।

एसटीएफ की कार्यवाही से हड़कंप, जल्द हो सकती हैं और गिरफ्तारियां

एसटीएफ ने बड़ी मात्रा में दस्तावेज और फर्जी डिग्रियां बरामद की हैं। अब टीम इन कर्मचारियों और जुड़े विश्वविद्यालयों की भूमिका की भी जांच कर रही है। जल्द ही इस मामले में और बड़े खुलासे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।