स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन बनीं कमला, कुंभ में रहकर जानेंगी सनातन परंपरा
- Post By Admin on Jan 13 2025

प्रयागराज: उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से औपचारिक रूप से शुरू हो गया है, लेकिन इससे पहले ही देश-विदेश से श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आगमन शुरू हो चुका है। इस बार महाकुंभ में विशेष रूप से स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन का नाम चर्चा में है। लॉरेन सनातन परंपरा से जुड़ी हैं और उन्हें "कमला" नाम और "अच्युत गोत्र" दिया गया है।
महाकुंभ का महत्व और दुर्लभ संयोग
निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज ने महाकुंभ की महिमा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इस बार महाकुंभ में 144 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है और इस बार का महाकुंभ विशेष महत्व रखता है। उन्होंने यह भी बताया कि महाकुंभ में पूरी दुनिया से साधु-संत और श्रद्धालु आते हैं जो सनातन परंपरा को जीवित रखते हैं।
युवाओं में धार्मिक परंपराओं की ओर बढ़ता रुझान
आचार्य कैलाशानंद गिरी महाराज ने महाकुंभ में बढ़ते धार्मिक पर्यटन और युवाओं के सनातन धर्म से जुड़ने की बात भी की। उन्होंने बताया कि इस बार 20,000 से अधिक युवा कुंभ में शामिल होने के लिए संपर्क कर चुके हैं। यह दर्शाता है कि आज का युवा धर्म और परंपराओं के प्रति अपनी रुचि बढ़ा रहा है।
लॉरेन की सनातन परंपरा से जुड़ने की यात्रा
कैलाशानंद गिरी महाराज ने बताया कि उनकी मुलाकात लॉरेन से 2023 के अंत में हुई थी और 2024 में वह उनके आश्रम आईं। वहां उन्होंने यज्ञ, अनुष्ठान और पूजा की। इसके बाद उन्होंने गुरु से गोत्र और नाम मांगा और उन्हें "कमला" नाम और "अच्युत गोत्र" दिया गया। आचार्य जी ने कहा कि लॉरेन अब उनकी बेटी हैं।
लॉरेन की साधना और साधु महात्माओं से जुड़ाव
कैलाशानंद गिरी महाराज ने बताया कि लॉरेन महाकुंभ में साधु महात्माओं से मिलना नहीं चाहतीं, बल्कि वह गुरु के साथ बैठकर अपने सवालों के जवाब जानने की इच्छुक हैं। उन्होंने यह भी बताया कि लॉरेन कल्पवास नहीं करेंगी, लेकिन वह कुछ दिन यहां रहकर सनातन परंपरा को समझने का प्रयास करेंगी।
महाकुंभ का संदेश
महाकुंभ न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को एक संदेश देता है। यह आयोजन सनातन धर्म की समृद्ध परंपराओं को जीवित रखने के साथ-साथ दुनिया भर के लोगों को एकजुट करता है। आचार्य कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ का संदेश आज भी दुनिया भर में फैल रहा है और लोग इस महान परंपरा से जुड़ने के लिए आकर्षित हो रहे हैं।