महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान, लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी
- Post By Admin on Jan 14 2025

प्रयागराज : 13 जनवरी 2025 को प्रयागराज के पवित्र संगम तट पर महाकुंभ का पहला शाही स्नान संपन्न हुआ। पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर आयोजित इस पवित्र स्नान के दौरान लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुन और सरस्वती की पवित्र जलधारा में डुबकी लगाई। महाकुंभ 2025 के इस पहले शाही स्नान के साथ ही 45 दिन तक चलने वाले इस महान धार्मिक आयोजन की शुरुआत हो गई है। जिसमें 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
घाटों पर व्यापक तैयारियां, श्रद्धालुओं की सुविधाओं का खास ध्यान
महाकुंभ के पहले शाही स्नान से एक दिन पहले संगम घाट और अन्य प्रमुख घाटों की तैयारियों का जायजा लिया गया था। घाटों को श्रद्धालुओं के स्नान के लिए पूरी तरह से तैयार किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया। जिनके लिए नदी के बीच में चेंजिंग रूम और लाइफ जैकेट की व्यवस्था की गई है। नाविकों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लाइफ जैकेट दिए गए हैं, ताकि यात्रियों की सुरक्षा पर कोई खतरा न आए। घाटों पर नावों के किराए की जानकारी देने के लिए बोर्ड भी लगाए गए हैं। जिससे श्रद्धालु आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकें।
महाकुंभ 2025 का आयोजन, मुख्य स्नान पर्व की तारीखें
महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। इस 45 दिन के आयोजन में श्रद्धालुओं के लिए कई महत्वपूर्ण स्नान पर्व होंगे। जिनमें प्रमुख हैं-
- 14 जनवरी 2025 : मकर संक्रांति
- 29 जनवरी 2025 : मौनी अमावस्या
- 3 फरवरी 2025 : बसंत पंचमी
- 26 फरवरी 2025 : महाशिवरात्रि
इन पर्वों के दौरान घाटों पर विशेष स्नान के आयोजन होंगे, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेंगे। विशेष पर्वों पर स्नान करने के लिए लाखों लोग संगम पर एकत्रित होते हैं। जिससे यह आयोजन और भी भव्य बन जाता है।
श्रद्धालुओं और पर्यटकों का विशाल समागम
महाकुंभ 2025 को लेकर प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। इस बार महाकुंभ में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है। संगम तट पर आयोजित होने वाला यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन के नजरिए से भी यह एक प्रमुख आकर्षण है। लाखों श्रद्धालु और पर्यटक इस महाकुंभ में भाग लेने के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचे हैं और पूरी दुनिया की निगाहें इस अद्भुत आयोजन पर हैं।
महाकुंभ: दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव
महाकुंभ को दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है। इसका आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है और यह हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र धार्मिक आयोजनों में से एक है। महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु संगम में आकर पवित्र स्नान करते हैं, मान्यता है कि इससे उनके सारे पाप समाप्त हो जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस आयोजन में लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं, जो अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर निकलते हैं।
संगम तट पर श्रद्धालुओं के इस विशाल समागम के अलावा, इस महाकुंभ को एक सांस्कृतिक उत्सव के रूप में भी देखा जाता है। जिसमें देश-विदेश से पर्यटक और सांस्कृतिक प्रेमी भी भाग लेते हैं। महाकुंभ 2025 में यही सबकुछ एक बार फिर देखने को मिलेगा।