15 लाख की दुकान खरीदी, 70 लाख निवेश किए पर कुछ नहीं बिका, महाकुंभ के व्यापारियों की कहानी
- Post By Admin on Feb 17 2025

प्रयागराज : महाकुंभ में जहां एक ओर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी हुई है, वहीं दूसरी ओर कुछ व्यापारी अपनी किस्मत के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। महाकुंभ की पॉश मार्केट, जो कभी रौनक से भरी रहती थी, अब सन्नाटे में डूबी हुई है। व्यापारियों का आरोप है कि प्रशासन की अव्यवस्था और ट्रैफिक डायवर्जन के कारण उनकी बिक्री पूरी तरह से ठप हो गई है। भारी नुकसान उठाने के बाद कई दुकानदार अपनी दुकानें छोड़कर वापस लौट गए हैं, जबकि कुछ व्यापारी अपनी पीड़ा बयां करते हुए भावुक हो गए हैं।
उत्तराखंड से महाकुंभ में दुकान लगाने आए व्यापारी सुरेश कुमार गुप्ता ने बताया कि “इस मेले में मेरा सामान 25% भी नहीं बिका है। नीलामी के बाद उचित बोली बोलकर हमने दुकान खरीदी थी, जिसकी कुल कीमत 15 लाख रुपये थी। प्रशासन अपने वादों पर खड़ा नहीं उतरा। हम व्यापारी लोग रो रहे हैं। अगले महीने 17 मार्च को मेरी बेटी की शादी है। लाखों रुपये का कर्जा लेकर मैंने 70 लाख रुपये का इन्वेस्टमेंट किया था। हमने कुछ कमाया नहीं, बल्कि गंवा दिया।”
सुरेश कुमार गुप्ता ने आगे कहा, “मेरे दुकान का खर्चा तक नहीं निकला है। बेटी के लिए जो सपने मैंने देखे थे, अब नहीं पता वो पूरे होंगे या नहीं। प्रशासन ने जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए।”
इसी तरह, एक अन्य दुकानदार ने बताया कि पहले जिन कपड़ों को 500 रुपये में बेच रहे थे, अब उन्हें महज 100 रुपये में बेचने की स्थिति बन गई है। उसने अपने अनबिके स्टॉक को कैमरे पर दिखाया और बताया कि प्रशासन ने जिस प्रवेश द्वार को खोलने की योजना बनाई थी, उसे अंतिम समय में बंद कर दिया गया। इसके कारण ग्राहकों की आवाजाही बहुत कम हो गई, जिससे उनकी बिक्री बिल्कुल ठप हो गई।
कई दुकानदार भारी नुकसान के चलते अपनी दुकानें बंद करके अपने घर लौट गए हैं। एक व्यापारी ने कैमरे पर दिखाया कि किस तरह कई दुकानें अब पूरी तरह बंद पड़ी हैं, क्योंकि दुकानदार अपना स्टॉक नहीं बेच सके और भारी घाटा झेलने के बाद उन्हें मजबूरी में वापस जाना पड़ा।
व्यापारियों ने प्रशासन से इस गंभीर स्थिति पर ध्यान देने और उचित मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि प्रशासन ने जिस तरह से उनके व्यापार को प्रभावित किया है, उसे लेकर उन्हें न्याय मिलना चाहिए।