चिलचिलाती गर्मी में खादी के कपड़ों की भारी मांग

  • Post By Admin on Jun 11 2024
चिलचिलाती गर्मी में खादी के कपड़ों की भारी मांग

मुजफ्फरपुर : चिलचिलाती गर्मी से निपटने और टिकाऊ फैशन को बढ़ावा देने के प्रयास में, मुजफ्फरपुर के गौशाला रोड पर 10-दिवसीय खादी मेले का आयोजन किया गया है। इस मेले में खादी के आकर्षक कपड़ों की बिक्री हो रही है, जो गर्मी में लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं।

बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित इस मेले में बढ़ती गर्मी के बावजूद लोग बड़ी संख्या में खरीदारी के लिए आ रहे हैं। खादी वस्त्र गर्मियों के लिए अनुकूल माने जाते हैं क्योंकि ये बाकी फैब्रिक के मुकाबले शरीर को ठंडा रखते हैं और पसीने को भी सोखते हैं। खादी के कपड़े न केवल घमौरियों से बचाते हैं, बल्कि गर्मी में पनपने वाली फंगल बीमारियों से भी राहत प्रदान करते हैं। खादी का यह फैब्रिक, जो स्वतंत्रता संग्राम के समय से लोकप्रिय है, आज भी भाग-दौड़ भरे जीवन में उद्योगपति, नेता और कर्मठ कर्मचारियों की पसंद बना हुआ है।

मेले में पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए साड़ी, कुर्ता, शर्ट और अन्य खादी कपड़ों की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है। खादी, जो हाथ से काता और बुना गया कपड़ा है, अपनी सांस लेने की क्षमता और आराम के लिए जाना जाता है। इस मेला न केवल गर्मी से राहत देने की उम्मीद है, बल्कि स्थानीय कारीगरों और खादी उद्योग को भी समर्थन मिलेगा।

खादी मेले का एक प्रमुख उद्देश्य खादी फैशन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और स्थानीय उद्योगों का समर्थन करना है। खादी कपड़ों का चयन करके उपभोक्ता न केवल पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, बल्कि क्षेत्र के कुशल कारीगरों की आजीविका में भी योगदान कर सकते हैं।

मेले के दौरान खादी कपड़ों की भारी बिक्री दर्शाती है कि लोग टिकाऊ और आरामदायक फैशन की ओर आकर्षित हो रहे हैं। खादी वस्त्रों की बढ़ती मांग से स्थानीय कारीगरों और खादी उद्योग को आर्थिक मजबूती मिल रही है।

इस प्रकार, खादी मेला न केवल एक फैशन इवेंट बनकर उभरा है, बल्कि स्थानीय कारीगरों और खादी उद्योग के समर्थन का भी महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है। खादी फैशन की बढ़ती मांग से पर्यावरण-संवेदनशीलता और सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा।