मिनिमम बैलेंस निर्धारण का अधिकार बैंकों के पास : आरबीआई गवर्नर
- Post By Admin on Aug 11 2025

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को स्पष्ट किया कि नॉन-सैलरी सेविंग अकाउंट के लिए मिनिमम बैलेंस निर्धारित करने का अधिकार बैंकों के पास है और यह कोई नियामक मुद्दा नहीं है। यह बयान उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक द्वारा न्यूनतम एवरेज बैलेंस बढ़ाने के फैसले के बाद मीडिया से बातचीत में दिया।
गुजरात में आयोजित एक वित्तीय समावेशन कार्यक्रम के दौरान गवर्नर ने कहा, "केंद्रीय बैंक ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया है और मिनिमम बैलेंस तय करना बैंकों की स्वतंत्रता है।" उन्होंने बताया कि कुछ बैंकों ने यह सीमा 10,000 रुपए रखी है तो कुछ ने 2,000 रुपए और कई बैंकों ने इसे पूरी तरह से हटा दिया है।
आईसीआईसीआई बैंक ने हाल ही में अपने सेविंग अकाउंट के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिसके तहत मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में नए ग्राहकों के लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस 10,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया है। यह नियम 1 अगस्त से प्रभावी हो चुका है। अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नए ग्राहकों के लिए यह राशि 25,000 रुपए और ग्रामीण क्षेत्रों में 10,000 रुपए तय की गई है। वहीं पुराने ग्राहकों के लिए ये सीमा कम रखी गई है।
इसके अलावा, बैंक ने मिनिमम बैलेंस न रखने वाले ग्राहकों पर 6 प्रतिशत या 500 रुपए (जो भी कम हो) तक का जुर्माना लगाने की भी घोषणा की है। साथ ही, बचत खाते में तीन बार निःशुल्क नकद जमा की सुविधा दी गई है, इसके बाद प्रत्येक अतिरिक्त लेनदेन पर 150 रुपए शुल्क लगेगा।
आरबीआई गवर्नर के इस बयान से स्पष्ट हो गया है कि मिनिमम बैलेंस की नीति बनाने और संशोधन करने का फैसला पूरी तरह से बैंकों के विवेकाधिकार में है और इस पर केंद्रीय बैंक की ओर से कोई नियामक दबाव नहीं है।