राष्ट्रीय प्रसारण दिवस पर पर्यावरण भारती द्वारा वृक्षारोपण अभियान
- Post By Admin on Jul 23 2024

लखीसराय: राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के अवसर पर पर्यावरण भारती ने वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया। यह संस्था 2008 से निरंतर वृक्षारोपण अभियान चला रही है और अब तक 1,16,853 पेड़ लगा चुकी है। पर्यावरण भारती का लक्ष्य है कि भविष्य में भी यह अभियान अनवरत जारी रहेगा।
पर्यावरण भारती के संस्थापक, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रांत संयोजक और अखिल भारतीय पेड़ उपक्रम टोली सदस्य राम बिलास शाण्डिल्य ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि मानव जनसंख्या के बढ़ने से जंगलों की अंधाधुंध कटाई हो रही है, जिसका परिणाम ग्लोबल वार्मिंग के रूप में सामने आ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह स्थिति नहीं बदली तो आने वाले वर्षों में तापमान 50°C से अधिक हो सकता है, जिससे मानव जीवन संकट में पड़ जाएगा।
उन्होंने कहा, "पेड़ लगाएं, जीवन बचाएं। पेड़ों की रक्षा से ही मानव जीवन सुरक्षित होगा।" भारत में हाल की प्राकृतिक आपदाओं का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि जहां दिल्ली, असम, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में भीषण बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है, वहीं बिहार में धान की रोपाई के लिए सूखा पड़ा हुआ है। यह पर्यावरण असंतुलन को दर्शाता है, और इसके समाधान के लिए लोगों को अपने आसपास अधिक पेड़ लगाने की आवश्यकता है।
श्री शाण्डिल्य ने बताया कि 23 जुलाई को भारत में राष्ट्रीय प्रसारण दिवस मनाया जाता है। 23 जुलाई 1927 को इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (IBC) की स्थापना हुई थी, और पहला प्रसारण बॉम्बे रेडियो स्टेशन से हुआ था। इसके बाद 1930 में राष्ट्रीय प्रसारण हुआ, और 1957 में इसका नाम बदलकर आकाशवाणी कर दिया गया। यह माध्यम राष्ट्रीय एकता और भाषाई विविधता के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।
वृक्षारोपण कार्यक्रम में शामिल प्रमुख व्यक्तियों में राम बिलास शाण्डिल्य, प्रोफेसर बलवंत कुमार सिंह सुमन, अमित सिंह सन्नू, अधिवक्ता रवींद्र प्रसाद, अधिवक्ता ओम प्रकाश सिंह, मुरारी बर्णवाल बबलू, मंटू साह, श्रेष्ठ कुमार सिंह, और प्रवीण कुमार मिश्र शामिल थे।
इस अवसर पर सभी ने संकल्प लिया कि वे अपने आसपास अधिक से अधिक पेड़ लगाएंगे और अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे, ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे और आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण मिल सके।