धार्मिक स्वतंत्रता पर खतरा: इंसाफ मंच ने वक्फ संशोधन के खिलाफ निकाला मार्च

  • Post By Admin on Apr 13 2025
धार्मिक स्वतंत्रता पर खतरा: इंसाफ मंच ने वक्फ संशोधन के खिलाफ निकाला मार्च

मुजफ्फरपुर : जिले के बोचहां प्रखंड में शनिवार को इंसाफ मंच के बैनर तले वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। "वक्फ बचाओ – संविधान बचाओ" के नारों के साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बोचहां बाजार से प्रखंड कार्यालय तक मार्च निकाला। उन्होंने अधिनियम को संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 के तहत प्राप्त धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करार दिया।

धरने को संबोधित करते हुए आरवाईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष व इंसाफ मंच बिहार के उपाध्यक्ष आफताब आलम ने कहा कि यह अधिनियम सरकार की सांप्रदायिक सोच का परिणाम है और शरीअत के सिद्धांतों का भी खुला उल्लंघन करता है। उन्होंने दोटूक कहा कि "इंसाफ मंच इस अधिनियम को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगा।" इंसाफ मंच बिहार के राज्य कार्यकारी सदस्य असलम रहमानी ने अधिनियम में शामिल ‘पाँच वर्षों तक प्रैक्टिसिंग मुस्लिम होने’ की शर्त को शरीअत और संविधान दोनों के खिलाफ बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह मस्जिदों, मदरसों और अन्य धार्मिक स्थलों की जमीनों पर सरकारी कब्जे की एक साजिश है।

भाकपा-माले बोचहां के प्रखंड सचिव रामबालक सहनी और जिला कमेटी सदस्य रामनंदन पासवान ने भी अधिनियम को धर्मनिरपेक्षता पर हमला बताते हुए इसकी वापसी की मांग की। आरवाईए मुजफ्फरपुर के जिला उपाध्यक्ष एजाज अहमद ने इसे केवल एक कानूनी मसला नहीं, बल्कि अल्पसंख्यक अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता की लड़ाई बताया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को अविलंब वापस लेने और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा हेतु एक स्वतंत्र व पारदर्शी प्रणाली लागू करने की मांग की।

धरने की अध्यक्षता मो. अबरार अहमद ने की, जबकि संचालन रामबालक सहनी ने किया। इस अवसर पर आफताब आलम, असलम रहमानी, नूर आलम, मुकेश पासवान, ब्रज किशोर सहनी, बिंदेश्वर साह, जफीरुल्लाह, वीरेंद्र पासवान, असलम अंसारी, मो. सरफराज, मो. सादीक, मो. अहमद अली, अब्दुल बाकी, दशरथ बौद्ध, मो. कलाम, अबू बकर, मो. इनाम, मो. सफदर अली और मो. अंसार सहित कई प्रमुख नेताओं ने विचार व्यक्त किए। महिला कार्यकर्ताओं का नेतृत्व जन्नत खातून, सयदा खातून और नाजनी बेगम ने किया।