शारदा यूनिवर्सिटी आत्महत्या मामला : छात्रों में उबाल, दो प्रोफेसर गिरफ्तार, परीक्षाएं स्थगित

  • Post By Admin on Jul 21 2025
शारदा यूनिवर्सिटी आत्महत्या मामला : छात्रों में उबाल, दो प्रोफेसर गिरफ्तार, परीक्षाएं स्थगित

ग्रेटर नोएडा : शारदा विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा में बीडीएस की छात्रा द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। छात्रा ज्योति की आत्महत्या के बाद परिसर में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने हालात की गंभीरता को देखते हुए 21 और 22 जुलाई को प्रस्तावित सभी परीक्षाएं और कार्यक्रम तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिए हैं। नियमित कक्षाएं अब 23 जुलाई से शुरू होंगी।

छात्रा के परिजन और साथी विद्यार्थियों ने डेंटल साइंसेज विभाग के कई शिक्षकों पर उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रा के पिता रमेश जांगड़ा ने विभागाध्यक्ष समेत छह शिक्षकों — डॉ. एम. सिद्धार्थ, डॉ. आशीष चौधरी, डॉ. अनुराग, डॉ. महेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. सुरभि और डॉ. शैरी वशिष्ठ — को बेटी की मौत का जिम्मेदार ठहराया है।

पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुए दो शिक्षकों — डॉ. शैरी वशिष्ठ और डॉ. महेन्द्र सिंह चौहान — को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अन्य आरोपियों से पूछताछ की प्रक्रिया जारी है। एडिशनल डीसीपी सुधीर कुमार के अनुसार, मामले की जांच हर पहलू से की जा रही है। छात्रा के मोबाइल, लैपटॉप और अन्य डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच के साथ उसकी कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) भी खंगाली जा रही है।

घटना के बाद से विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा है। विद्यार्थियों का आरोप है कि विभाग में लंबे समय से शोषण का माहौल है और ज्योति इसी दबाव में टूट गई। छात्रों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी है। समाजवादी छात्र सभा, गौतमबुद्ध नगर के अध्यक्ष मोहित नागर ने कहा है कि प्रशासन को मामले की निष्पक्ष जांच के लिए कुल पांच दिन का समय दिया गया है। यदि इस अवधि में दोषियों पर ठोस कार्यवाही नहीं होती है, तो संगठन विश्वविद्यालय गेट पर धरना देगा।

गौरतलब है कि शुक्रवार रात बीडीएस सेकंड ईयर की छात्रा ज्योति ने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली थी। मौके से बरामद सुसाइड नोट में उसने शिक्षकों पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। घटना के बाद छात्रों ने परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया था, जिसमें पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली थी।

फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन, पुलिस और छात्र संगठन इस संवेदनशील प्रकरण की परतें खोलने में जुटे हैं, जबकि पीड़ित परिवार इंसाफ की मांग कर रहा है।