मानवाधिकार दिवस पर पीयूसीएल द्वारा गोष्ठी आयोजित

  • Post By Admin on Dec 11 2024
मानवाधिकार दिवस पर पीयूसीएल द्वारा गोष्ठी आयोजित

मुजफ्फरपुर : 10 दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर लोक स्वतंत्र संगठन (पीयूसीएल) द्वारा विश्वभूति पुस्तकालय में एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते मानवाधिकार उल्लंघनों पर गहरी चिंता व्यक्त की। कार्यक्रम की अध्यक्षता पीयूसीएल के जिला अध्यक्ष श्री के के झा ने की। जबकि संचालन जिला महासचिव प्रो. एम एम रिजवी ने किया।

गोष्ठी में वक्ताओं ने बताया कि दुनिया भर में मानवाधिकार के उल्लंघन की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। जिनमें विशेष रूप से युद्ध क्षेत्रों में बेकसूर नागरिकों का शिकार होना प्रमुख है। वर्तमान में यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध, जिसमें पिछले दो सालों से हिंसा जारी है और फिलिस्तीन-इजराइल संघर्ष, जो एक साल से जारी है, इन दोनों में नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। इसके अलावा सीरिया में भी हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। जहाँ सरकार और एचटीएस के बीच संघर्ष में नागरिकों की जानें जा रही हैं और उन्हें बेघर होना पड़ रहा है।

वक्ताओं ने इस बात की भी चर्चा की कि युद्ध के दौरान सबसे ज्यादा मानवाधिकार का उल्लंघन होता है क्योंकि बेकसूर नागरिकों को सीधे-सीधे इसका नुकसान उठाना पड़ता है। भारत में भी मणिपुर, छत्तीसगढ़ और कश्मीर जैसे राज्यों में मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं। इसके अलावा देश की जेलों में सैकड़ों लोग लंबे समय से बंद हैं क्योंकि उनके मुकदमे लंबित हैं और न्यायालयों में उनके मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। जेलों में मौतों की घटनाएं भी निरंतर बढ़ रही हैं। जो न्यायिक देरी और खराब व्यवस्था की ओर इशारा करती हैं।

कार्यक्रम में पीयूसीएल के राष्ट्रीय सचिव शाहिद कमाल, प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य प्रो. अवधेश कुमार, प्रो. विजय कुमार जायसवाल, सीपीआईएमएल के सचिव कृष्ण मोहन, ललित मिस्र एडवोकेट, रुदल राम, मार्क्सवादी कॉम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव अब्दुल गफ्फार, संजय प्रधान, फिरोज अहमद, मुंद्रिका दास, एसयूसीआई के काशी सहनी और शिव कुमार जैसे गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपने विचार रखे।

वक्ताओं ने यह भी कहा कि लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएं बढ़ रही हैं। इस पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने यह संकल्प लिया कि वे अपने जिलों में मानवाधिकार के मामलों पर जागरूकता फैलाने के लिए काम करेंगे। इसके लिए वे महाविद्यालयों, स्कूलों और समाज के विभिन्न वर्गों में मानवाधिकार के महत्व को लेकर अभियान चलाएंगे ताकि समाज में मानवाधिकार उल्लंघन को रोका जा सके।

इस आयोजन में पीयूसीएल के सभी सदस्य और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन शांति और मानवाधिकार की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दृढ़ करने के साथ हुआ।