बिहार को उड़ान देने की तैयारी : छह क्षेत्रीय हवाई अड्डों के लिए बिहार सरकार और AAI के बीच समझौता

  • Post By Admin on Jul 01 2025
बिहार को उड़ान देने की तैयारी : छह क्षेत्रीय हवाई अड्डों के लिए बिहार सरकार और AAI के बीच समझौता

पटना: बिहार में हवाई कनेक्टिविटी को नई उड़ान देने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए सोमवार को बिहार सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के बीच छह नए क्षेत्रीय हवाई अड्डों के निर्माण को लेकर समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता दिल्ली स्थित बिहार निवास में संपन्न हुआ, जहां मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, रेजीडेंट कमिश्नर कुंदन कुमार और डायरेक्टर सिविल एविएशन निलेश देवरे प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

यह महत्त्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हाल ही में संपन्न राज्य कैबिनेट बैठक में मंज़ूरी प्राप्त कर चुकी है। इसके तहत मधुबनी, बिरपुर (सुपौल), मुंगेर, वाल्मीकि नगर (पश्चिम चंपारण), मुजफ्फरपुर और सहरसा में छोटे हवाई अड्डों का निर्माण प्रस्तावित है। प्रथम चरण में राज्य सरकार द्वारा 150 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिसमें प्रत्येक हवाई अड्डे के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इस अवसर को "क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को सशक्त बनाने की निर्णायक पहल" बताया और कहा कि यह परियोजना न केवल यातायात संरचना को मजबूत बनाएगी, बल्कि विकास व निवेश के नए द्वार भी खोलेगी।

रेजीडेंट कमिश्नर कुंदन कुमार ने कहा, “बिहार निवास अब नीतिगत समन्वय और संवाद का एक सक्रिय केंद्र बन चुका है। यह समझौता राज्य के दूरदराज़ इलाकों को हवाई नक्शे पर लाने की दिशा में एक ठोस कदम है।”

यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ दृष्टिकोण और केंद्र सरकार की ‘उड़ान योजना’ के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य देश के पिछड़े क्षेत्रों को सस्ती हवाई यात्रा से जोड़ना है। इन प्रस्तावित हवाई अड्डों पर 19-सीटर विमान उड़ान भरेंगे, जिससे ग्रामीण और पिछड़े ज़िलों में पर्यटन, रोजगार और व्यापार के नए अवसर पैदा होंगे।

सरकार का लक्ष्य वर्ष 2047 तक देश में 350 से अधिक हवाई अड्डों की स्थापना करना है, जिसमें बिहार का यह कदम निर्णायक साबित हो सकता है। आने वाले वर्षों में बिहार सरकार अन्य जिलों में भी हवाई अड्डों के विकास के लिए बजट आवंटन का संकेत दे चुकी है।

बिहार के विकास की दिशा में यह हवाई समझौता न केवल भौगोलिक दूरी को कम करेगा, बल्कि राज्य को आर्थिक और सामाजिक उन्नयन की नई उड़ान देगा।