पटना में मोहन राकेश की जन्म शताब्दी पर 'प्रयास रंग अड्डा' का शुभारंभ

  • Post By Admin on Jan 22 2025
पटना में मोहन राकेश की जन्म शताब्दी पर 'प्रयास रंग अड्डा' का शुभारंभ

पटना : जिले में मोहन राकेश की जन्म शताब्दी के अवसर पर 'प्रयास रंग अड्डा' का शुभारंभ किया गया। इस खास मौके पर उनकी प्रसिद्ध नाट्य रचना 'सिपाही की माँ' का मंचन किया गया। शुभारंभ समारोह में संस्था के महासचिव मिथिलेश सिंह, उपाध्यक्ष बाँके बिहारी साव, वरिष्ठ रंगकर्मी रवि भूषण बबलू, अशोक श्रीवास्तव, अनिल रंजन, सुबंती बनर्जी, राजेश राजा, जिया हसन और मनीष महिवाल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। रा.ना.वि. के स्नातक पुंज प्रकाश ने मोहन राकेश की जीवनी पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर पटना के कई गणमान्य रंगकर्मी, साहित्यकर्मी, और कला प्रेमी उपस्थित थे। मीडिया प्रभारी मनीष महिवाल ने इस कार्यक्रम की जानकारी दी।

'सिपाही की माँ' की प्रस्तुति

'सिपाही की माँ' नाटक के माध्यम से मोहन राकेश ने एक सिपाही की माँ की व्यथा को चित्रित किया है, जिसका बेटा युद्ध के मोर्चे पर लड़ने गया है। द्वितीय विश्व युद्ध के संदर्भ में इस नाटक में भारतीय सैनिकों के बर्मा मोर्चे पर जापानी सेना से लड़ने की कहानी है। नाटक में माँ विशनदेई अपने बेटे मानक की चिट्ठी का इंतजार करती है, जबकि उसकी बहन मुन्नी अपने भाई से कंगन की आस लगाए बैठी है। कहानी उस वक्त मोड़ लेती है जब मानक घायल अवस्था में घर लौटता है और दुश्मन सैनिक भी उसका पीछा करते हुए पहुंचता है। नाटक युद्ध की त्रासदी और शांति की चाहत को दर्शाता है, जिसका अंत माँ के सपने के टूटने से होता है।