कम्बल में लिपटे सो रहे थे प्रशांत किशोर, पटना पुलिस ने किया गिरफ्तार
- Post By Admin on Jan 06 2025

पटना : बिहार में बीपीएससी (बिहार लोक सेवा आयोग) परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर जन सुराज पार्टी के संस्थापक और समाजिक कार्यकर्ता प्रशांत किशोर ने गांधी मैदान में आमरण अनशन शुरू कर दिया था। वह पिछले पांच दिनों से बीपीएससी की 70वीं परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे थे और इस मुद्दे पर बीपीएससी के अभ्यर्थियों के समर्थन में अपनी आवाज उठा रहे थे। लेकिन सोमवार सुबह, पटना पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर एम्स पटना पहुंचा दिया।
गांधी मैदान में हुआ हंगामा
सोमवार सुबह लगभग 4 बजे पटना पुलिस की एक टीम गांधी मैदान पहुंची, जहां प्रशांत किशोर कंबल में लिपटे हुए सो रहे थे। अचानक पुलिस की कार्यवाही से वहां हंगामा मच गया और भीषण ठंड में प्रशांत किशोर को कंबल से निकालकर जबरन एंबुलेंस में डाल दिया गया। पुलिस के मुताबिक, शुरुआत में प्रशांत किशोर को अज्ञात स्थान पर ले जाने की बात कही गई थी, लेकिन बाद में उन्हें पटना एम्स ले जाया गया।
पुलिस ने किया बल प्रयोग
प्रशांत किशोर को हिरासत में लेने के दौरान पुलिस ने बल का भी प्रयोग किया। करीब 10 थानों की पुलिस गांधी मैदान पहुंची थी और धरनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल था। इस दौरान प्रशांत किशोर ने अनशन तोड़ने से इनकार कर दिया। पुलिस ने उन्हें पटना एम्स में जबरन भर्ती कराने का प्रयास किया, लेकिन प्रशांत किशोर ने साफ तौर पर कहा कि जब तक उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं होती, वह अनशन जारी रखेंगे।
बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग
प्रशांत किशोर पिछले पांच दिनों से बीपीएससी की 70वीं परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि इस परीक्षा में गंभीर गड़बड़ियां हुई हैं और इन गड़बड़ियों के कारण कई योग्य उम्मीदवारों को नुकसान हुआ है। वह बिहार सरकार से इस परीक्षा को रद्द करने और नए सिरे से परीक्षा कराने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि इस परीक्षा में भ्रष्टाचार और धांधली हुई है। जिसका असर लाखों छात्रों की भविष्यवाणी पर पड़ सकता है।
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी पर उनके समर्थकों और बीपीएससी अभ्यर्थियों में नाराजगी देखी गई। कई छात्र संगठन और राजनीतिक दलों ने उनकी गिरफ्तारी की आलोचना की और इसे लोकतंत्र की आवाज दबाने की साजिश बताया। समर्थकों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रशांत किशोर को उनकी लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए उन्हें हिरासत में लिया है।
यह मामला बिहार में राजनीति और प्रशासन के बीच एक नया मोड़ लाया है। जहां प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। प्रशांत किशोर के समर्थन में कई सामाजिक संगठन और छात्र नेता भी सामने आ गए हैं, जो उनकी गिरफ्तारी को असंवैधानिक मानते हैं।
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद उनकी सेहत पर सवाल उठ रहे हैं, खासकर जब उन्होंने आमरण अनशन शुरू किया था। हालांकि, पुलिस ने दावा किया है कि उनकी स्थिति स्थिर है, लेकिन उनके समर्थक इसे राजनीतिक उत्पीड़न मानते हैं। अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर बिहार सरकार और प्रशांत किशोर के बीच क्या समाधान निकलता है।