काव्य पाठ द्वारा कवियों ने प्रकट की देश और समाज की स्थिति

  • Post By Admin on Feb 25 2024
काव्य पाठ द्वारा कवियों ने प्रकट की देश और समाज की स्थिति

लखीसराय : स्थानीय प्रभात चौक स्थित एक निजी होटल के सभागार में रामबालक सिंह उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा रविवार को मासिक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका संचालन जिला सचिव देवेंद्र सिंह आजाद ने किया। इस काव्य गोष्ठी में सभी कवि और साहित्यकारों ने अपनी-अपनी रचनाओं से देश और समाज के बारे में अपनी चिंता प्रकट की।

राजकुमार ने अपनी रचना का सस्वर पाठ करते हुए कहा कि "रोशनी का एक सहारा ढूंढता हूं।" बलजीत कुमार ने कहा, "आज मेरी दृष्टि जहां तक जाती है, इंसान कम और गिद्ध ज्यादा नजर आते हैं।" राजेंद्र राज ने कहा कि "आप तो आजमाते रहे, हम उसूलें निभाते रहे।" राम बालक सिंह ने कहा कि "फागुन के अइले बाहर, बलम संग खेलब होली।" जीवन पासवान ने कहा कि "कण-कण में समाया धर्म मेरा, संस्कृति हमारी।" राजेश्वरी प्रसाद सिंह ने कहा कि "चुनाव का मौसम है धनबल की है बहारें।" भोला पंडित ने कहा कि "बेटी महान होती है जरा गौर कीजिए।" देवेंद्र आजाद ने कहा, "कभी चाह नहीं रहा कि मुझे अनंत मिले।" भगवान राय राही ने कहा, "करने वालों की सूची कहां है जिसमें मेरा नाम नहीं है।"

जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा प्रकाशित पत्रिका "नवल कंठ" के बारे में अरविंद कुमार भारती, प्रधान संपादक ने बताया कि उसका शीघ्र ही प्रकाशन किया जाएगा।