सूर्यगढ़ा में नई चेतना 3.0 जागरूकता अभियान, लिंग आधारित हिंसा उन्मूलन पर हुई चर्चा

  • Post By Admin on Dec 14 2024
सूर्यगढ़ा में नई चेतना 3.0 जागरूकता अभियान, लिंग आधारित हिंसा उन्मूलन पर हुई चर्चा

लखीसराय : शनिवार को सूर्यगढ़ा प्रखंड के आदिवासी बहुल बकुरा गांव में महिला एवं बाल विकास निगम, समाज कल्याण विभाग और आईसीडीएस लखीसराय के संयुक्त तत्वाधान में “नई चेतना 3.0” जागरूकता अभियान आयोजित किया गया। इस अभियान का उद्देश्य लिंग आधारित हिंसा उन्मूलन, विशेष रूप से पूर्व गर्भधारण और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीसीपीएनडीटी एक्ट) के तहत लोगों को जागरूक करना था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला एवं बाल विकास निगम के जिला परियोजना प्रबंधक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने की। जबकि संचालन का कार्य महिला एवं बाल विकास निगम के जिला मिशन समन्वयक प्रशांत कुमार ने किया। डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार में लिंग अनुपात में लड़कियों की घटती संख्या चिंताजनक है। 

उन्होंने बताया कि यह अंतर अप्राकृतिक है और इसका कारण भ्रूण परीक्षण द्वारा लिंग जांच किए जाने की संभावना है। इस प्रकार के गलत प्रैक्टिस पर सख्ती से रोक लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर निगरानी रखने की बात कही और ऐसे केंद्रों का लाइसेंस रद्द करने की अपील की।

प्रशांत कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित समुदाय से अपील की कि वे बेटा-बेटी में भेदभाव करने की बजाय समानता की भावना को बढ़ावा दें। उन्होंने लिंग परीक्षण के खिलाफ जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ भी लोगों को जागरूक किया और कहा कि इन कुरीतियों को खत्म करने के लिए समाज का हर वर्ग सहयोग करें।

कार्यक्रम में बताया गया कि लिंग परीक्षण कराना और कराना दोनों ही दंडनीय अपराध हैं और इसके लिए 5 साल तक की जेल और 50,000 से 1,00,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। बाल विवाह निषेध अधिनियम और दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत भी सख्त कार्रवाई की जाती है।

इस दौरान वित्तीय साक्षरता विशेषज्ञ अमित कुमार ने महिला एवं बाल विकास निगम की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। जैसे कि हब कार्यालय, महिला हेल्पलाइन 181, वन स्टॉप सेंटर, आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना।

महिला पर्यवेक्षिका कंचन कुमारी ने कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए बने कानून, जैसे कि यौन उत्पीड़न (पॉश) अधिनियम 2013, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की जानकारी दी।

कार्यक्रम में आंगनबाड़ी सेविका कुमारी माधुरी, नेहा कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, प्रतिमा कुमारी, एमटीएस नबिंद्र दास और दर्जनों आदिवासी महिला और किशोरी मौजूद रहे।

इस जागरूकता अभियान ने न केवल लिंग आधारित हिंसा और भ्रूण परीक्षण के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया बल्कि महिलाओं और बच्चों के अधिकारों को लेकर समाज में जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी किया।