मुजफ्फरपुर की बेटी को मिला अंतरराष्ट्रीय उद्योग रत्न पुरस्कार, जिले का बढ़ाया मान

  • Post By Admin on Jul 04 2024
मुजफ्फरपुर की बेटी को मिला अंतरराष्ट्रीय उद्योग रत्न पुरस्कार, जिले का बढ़ाया मान

मुजफ्फरपुर : मधुबनी चित्रकला, जिसे मिथिला चित्रकला भी कहते हैं, बिहार के मिथिला क्षेत्र की एक प्रमुख कला परंपरा है। वर्तमान परिवेश में मधुबनी चित्रकला विश्व विख्यात हो चुका है। इस कला को देशभर की महिलाएं अपना रही हैं। इस क्रम में मुजफ्फरपुर जिले की रहने वाली इप्शा पाठक ने अपनी अलग सोच से मधुबनी चित्रकला को भी एक अलग पहचान के रूप में समाज को सौंपा है। मधुबनी चित्रकला और सुजनी कला के क्षेत्र में बहुत ही कम समय में उत्कृष्ठ कार्य करने को लेकर इप्शा को अंतरराष्ट्रीय उद्योग रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 

कोरोना महामारी के दौरान मास्क पर मधुबनी पेंटिंग बना कर इप्शा ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया था। धीरे धीरे अपने काम को बढ़ाते हुए इप्शा ने गमछे, दुपट्टे व सूट पर भी मधुबनी पेंटिंग का काम शुरू दिया। उन्होंने बताया कि बिहार से संबंधित इन पौराणिक कलाओं को आगे बढ़ाने की वे हर सम्भव प्रयास कर रही हैं। मधुबनी पेंटिंग के साथ–साथ सिक्की कला, सुजनी कला पर भी इनकी टीम काम कर रही है। सुजनी कला भुसुरा गांव (मुजफ्फरपुर) की कढ़ाई है। प्राचीन काल में अलग-अलग रंग के कपड़ों के टुकड़ों को एक साथ सिल दिया जाता था। जिसमें देवी-देवताओं की सुंदर कढ़ाई करके दीवारों पर टांग दिया जाता था। कलाकारों ने बाजार की मांग को पूरा करने के लिए साड़ियों और अन्य कपड़ों पर पैटर्न बनाना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने इस काम को शुरू किया था तब वे अकेली थी पर आज उनके साथ 10 लोगों की टीम हैं। कभी अकेले छोटे-छोटे सामान पर इस काम की शुरूआत की थी और आज उनका "आवरण" ब्रांड बन गया।

बीते रविवार को दिल्ली में आयोजित इस सम्मान समारोह में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की बेटी इप्शा को मधुबनी चित्रकारी और सुजनी कला के क्षेत्र में काम करने और खुद के साथ ही अन्य महिलाओं को भी इसके माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने को लेकर यह सम्मान दिया गया है। इप्शा को यह सम्मान बॉलीवुड ड्रेस डिजाइनर आसमा गुलजार व बिग बॉस फेम आशुतोष कौशिक द्वारा दिया गया।

इप्शा ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मात्र 4 साल पुराने ब्रांड का नाम पुकारा जाना ही उनके लिए बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि जिस कला ने उन्हें पहचान और शोहरत दी है उस कला को वे निरंतर आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहेंगी।