फोटोग्राफी सेशन के दौरान नीतीश कुमार का हाथ मंत्री ने किया नीचे, वीडियो वायरल

  • Post By Admin on Mar 28 2025
फोटोग्राफी सेशन के दौरान नीतीश कुमार का हाथ मंत्री ने किया नीचे, वीडियो वायरल

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह फोटोग्राफी सेशन के दौरान फोटोग्राफरों का अभिवादन करने के लिए हाथ उठाते हैं, लेकिन उनके बगल में बैठे मंत्री बिजेंद्र यादव तुरंत उनका हाथ नीचे कर देते हैं। इस घटना को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है और सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

गुरुवार को बिहार विधानसभा बजट सत्र 2025 का आखिरी दिन था। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधान परिषद के सदस्यों के साथ एक फोटोग्राफी सेशन आयोजित किया गया था। विधान परिषद के बाहर परिसर में जब सभी मंत्री और सदस्य कैमरे के सामने बैठे थे, तभी अचानक नीतीश कुमार ने हाथ उठाकर फोटोग्राफरों को नमस्ते करना शुरू कर दिया। इसी दौरान उनके बगल में बैठे मंत्री बिजेंद्र यादव ने उनका हाथ नीचे कर दिया।

सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

इस वीडियो के सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इसे एक सामान्य घटना मान रहे हैं, तो कुछ इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बदलती कार्यशैली और उनकी असहजता का संकेत बता रहे हैं। विपक्षी दलों ने भी इस घटना को लेकर तंज कसना शुरू कर दिया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह घटना केवल एक सामान्य प्रतिक्रिया हो सकती है लेकिन मुख्यमंत्री के सार्वजनिक व्यवहार को लेकर लगातार सामने आ रही घटनाएं किसी गहरे संकेत की ओर इशारा कर रही हैं।

राष्ट्रगान विवाद के बाद एक और वीडियो चर्चा में

यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के किसी सार्वजनिक व्यवहार को लेकर विवाद हुआ हो। इससे पहले भी 20 मार्च 2025 को पटना के पाटलिपुत्र स्टेडियम में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रगान के वक्त उनका व्यवहार चर्चा का विषय बन चुका है।

कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान जब राष्ट्रगान शुरू हुआ, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंच से नीचे उतरकर खिलाड़ियों से मिलने चले गए। जब वह लौटकर मंच पर आए, तो राष्ट्रगान के दौरान वह हंसते हुए, लोगों से बातें करते और अभिवादन करते नजर आए, जबकि अन्य लोग सावधान की मुद्रा में खड़े थे।

राष्ट्रगान के दौरान असहज दिखे प्रधान सचिव

इस घटना का एक और वीडियो भी सामने आया था, जिसमें नीतीश कुमार राष्ट्रगान के दौरान अपने बगल में खड़े प्रधान सचिव दीपक कुमार को बार-बार टोकते और उनसे बात करने की कोशिश करते नजर आए। जब मुख्यमंत्री उन्हें हाथ लगाकर टोक रहे थे, तो दीपक कुमार असहज दिखाई दे रहे थे और इशारों में मुख्यमंत्री को सावधान मुद्रा में खड़े होने का संकेत दे रहे थे। लेकिन नीतीश कुमार बार-बार उन्हें छूकर कुछ कहने की कोशिश कर रहे थे।

विपक्ष ने साधा निशाना

इस वीडियो के वायरल होने के बाद विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री पर तीखे हमले शुरू कर दिए। राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस घटना को ‘राष्ट्रगान का अपमान’ करार देते हुए मुख्यमंत्री की मानसिक स्थिति और उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए। तेजस्वी ने कहा कि "नीतीश कुमार अब अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। मुख्यमंत्री के रूप में उनके व्यवहार में लगातार बदलाव दिख रहा है। उन्हें अब पद छोड़ देना चाहिए।"

नीतीश कुमार की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल

विधानसभा बजट सत्र के आखिरी दिन फोटोग्राफी सेशन के दौरान हाथ नीचे करने की घटना और राष्ट्रगान के दौरान असामान्य व्यवहार की घटनाओं ने बिहार की राजनीति में नए सिरे से बहस छेड़ दी है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का हालिया व्यवहार उनकी कार्यशैली में बदलाव की ओर इशारा कर रहा है।

जहां एक ओर जनता विकास कार्यों की धीमी गति से पहले ही परेशान है, वहीं मुख्यमंत्री की ये घटनाएं उनकी छवि को और कमजोर कर रही हैं। विपक्ष इसे एक बड़ा मुद्दा बनाकर चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की तैयारी में है।

क्या कहते हैं जानकार?

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पहले भी कई बार सवाल उठे हैं, लेकिन हाल के महीनों में उनकी सार्वजनिक उपस्थिति में बार-बार सामने आ रही घटनाएं एक अलग ही तस्वीर पेश कर रही हैं।

पटना विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर अरुण कुमार का कहना है, "मुख्यमंत्री का व्यवहार सत्ता में लंबे समय तक बने रहने के असर को दर्शाता है। कई बार नेता अपनी ही आदतों के कारण सार्वजनिक तौर पर असामान्य व्यवहार करने लगते हैं।"

इस पूरे घटनाक्रम के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से अभी तक इन घटनाओं को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाने में जुट गया है। अब देखना यह होगा कि नीतीश कुमार इस विवाद पर क्या सफाई देते हैं और जनता इस पूरे मामले को किस नजरिए से देखती है। लेकिन इतना तय है कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में यह मामला और गरमाएगा।